प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) के, ‘आत्मनिर्भर भारत’, अभियान को पूरे देश का समर्थन मिल रहा है साथ ही सरकार भी आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए हर उपयुक्त कदम उठा रही है चाहें चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने की बात हो या फिर भारतीय कंपनियों में नवोन्मेष की भावना को और बढ़ाने की बात हो. आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने हेतु केंद्र सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है और अब इसी कड़ी में रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) भी अपनी अनोखी एवं बहुत बड़ी मुहिम के साथ सामने आया है. रविवार 9 अगस्त कि सुबह राजनाथ सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक के बाद एक ट्वीट कर जानकारी दी कि रक्षा मंत्रालय आत्मनिर्भर भारत की ओर अपने कदम बढ़ा रहा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने अपने ट्वीट के माध्यम से बताया कि 101 रक्षा उपकरणों के आयात को प्रतिबंधित लगा दिया गया है.
रक्षा मंत्री ने बताया कि उनके मंत्रालय ने 101 उपकरणों की एक सूची तैयार की है, जिनके आयात पर यह प्रतिबंध लागू होगा. रक्षा मंत्रालय का यह कदम रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उठाया गया एक बहुत बड़ा और सकारात्मक कदम है. गौरतलब है कि राजनाथ सिंह द्वारा किए जाने वाले इस ऐलान से पूर्व रक्षा मंत्रालय के कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी, “रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह आज (रविवार) 10:00 बजे महत्वपूर्ण ऐलान करेंगे.” “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 स्तंभों अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रणाली, जनसांख्यिकी और मांग के आधार पर ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए स्पष्ट आह्वान किया है. इसके लिए प्रधानमंत्री ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के नाम से एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा भी की है।”, राजनाथ सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा.
सिंह ने कहा, “रक्षा मंत्रालय ने यह सूची सशस्त्र बलों, सार्वजनिक और निजी उद्योग सहित सभी हितधारकों के साथ कई दौर की बातचीत के बाद तैयार की है। इस दौरान भारतीय उद्योग की वर्तमान और भविष्य की क्षमताओं का आकलन भी किया गया.” राजनाथ सिंह ने बताया कि तीनों सेनाओं ने 260 योजनाओं के तहत इन सामानों का अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच 3.5 लाख करोड़ रुपए का ठेका दिया. उन्होंने कहा कि अनुमान है कि अगले 6-7 साल में घरेलू उद्योग को करीब 4 लाख करोड़ रुपए की कीमत के ठेके मिलेंगे. अपने ट्वीट में राजनाथ सिंह ने यह भी कहा, “आयात पर बैन को 2020 से लेकर 2024 के बीच लागू करने की योजना है. हमारा उद्देश्य सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं के मामले में रक्षा उद्योग को आगे बढ़ाना है ताकि स्वदेशीकरण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके.”
किन उपकरणों पर प्रतिबंध
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ट्वीट के अनुसार जिन उपकरणों पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें केवल छोटे उपकरण या छोटे पार्ट्स ही शामिल नहीं है बल्कि सूची में बड़े उपकरण भी शामिल है. आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफलें, कोरवेट, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, एलसीएच, रडार आदि कुछ ऐसे उच्च तकनीक वाले हैं हथियार है जिन पर प्रतिबंध लगाया गया है.
नहीं बनी बात
इस बीच भारत और चीन के अफसरों के बीच छठवीं वार्ता भी बेनतीजा रही. चीनी सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया के तहत बातचीत का दौर जारी है. गौरतलब है कि छठे दौर की वार्ता शनिवार को दोनों देशों के सेनाओं के बीच दौलतबेग ओल्डी में हुई. शनिवार को भी वार्ता मेजर जनरल स्तर की बातचीत थी, जिसमें टकराव टालने के उपायों पर चर्चा हुई। सेना ने शनिवार की वार्ता पर अपना अधिकारिक बयान तो जाहिर नहीं किया है पर सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि छठे दौर की वार्ता के बाद इस विवाद में सकारात्मक प्रगति हो रही है.
आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख में पिछले लंबे समय से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव चल रहा है. पिछले महीने जुलाई में चीन 6 किलोमीटर पीछे हटा था परंतु चीन अपनी सेना को पूर्वी लद्दाख क्षेत्र से हटाने के लिए तैयार नहीं है. गौरतलब है कि भारत ने चीन के सामने शर्त रखी थी कि चीन 14 अप्रैल की अपनी पोजीशन पर वापस लौटे उधर चीन की हरकतें यह साफ तौर पर बताते हैं कि चीन पीछे हटने वाला नहीं है. ऐसे में भारत ने भी चीन की हरकतों का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है. भारतीय वायुसेना ने अपना दम दिखाते हुए पहले ही अपाचे हेलीकॉप्टर को स्टैंडऑफ क्षेत्र में तैनात किया है तो वहीं भारतीय सेना ने भी अपने जवानों की तैनाती बढ़ा दी है. राफेल की वजह से भारतीय वायुसेना की ताकत और अधिक बढ़ोतरी हुई है.
भारत का चीन को जवाब
चीन के इन्हीं हरकतों को देखते हुए पिछले महीने भारत सरकार ने 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था. गौरतलब है कि बैन की गई चीनी ऐप्स को सरकार ने भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा बताया था और इन सभी ऐप्स पर्व भारतीय पर भारतीयों के डाटा को चीनी सर्वर पर भेजने या चीनी सरकार के साथ बांटने का भी आरोप लगाया गया था.
इतना ही नहीं भारत सरकार ने अपने सभी आवंटित ठेकों में से चीनी कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था. उत्तर प्रदेश में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में शामिल चीनी कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया गया था और उसके बदले करना कनाडियन कंपनी को ठेका आवंटित किया गया है. इसके साथ ही भारत ने चीन से आयात होने वाले टीवी पर भी बैन लगा दिया है और चीनी आयात को न्यूनतम करने पर जोर दिया है. भारत चीन सीमा विवाद को देखते हुए लोगों ने भी चीनी सामानों का उपयोग बंद कर दिया है और चीनी उत्पादों के बहिष्कार का संकल्प लिया है. भारत के इस कदम से चीन को बहुत बड़ा झटका लगा है. भारत और चीन के उत्पादों पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का मतलब है सीधे चीन की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाना. चीनी सरकार के मुख पत्र ग्लोबल टाइम्स ने भी भारत के इस कदम को गलत और असंवेदनशील बताया था. यह बताना दिलचस्प है कि खुद ग्लोबल टाइम्स ने ही अपने एक लेख में यह कहा था कि भारत चीन पर पूरी तरह से निर्भर है और भारत के लिए चीनी उत्पादों का बहिष्कार नामुमकिन होगा.