Fatehpur : फतेहपुर में पेट्रोल की महंगाई की आंच शायद अब जांच अधिकारियों तक भी पहुंच गई है. आम आदमी ही नहीं अब अधिकारी भी महंगाई का रोना रोने लगे है. जिसकी वजह से वह अपनी ड्यूटी से भी मुंह फेर रहे है. यही वजह है कि मौके पर पहुंचने के लिए जांच अधिकारी शिकायतकर्ता से ही पेट्रोल की मांग करने में जरा भी नहीं हिचकिचाय. जब जनता मंगाई पर कुछ कहती है तो उसको ये कह कर चुप करा दिया जाता है कि, फ्री में वैक्सीन लगवाई है, तो थोड़ी महंगाई बढ़ भी गई तो क्या हुआ. ऐसे में अधिकारियों का जनता की समस्या का हल निकालने के लिए उन्ही से पेट्रोल की मांग करना ताकि, वह उन तक पहुँच पाएं ये या तो मजाक है या फिर महंगाई की मार ने उन्हें ऐसा बना दिया है.
मंगलवार को ऐसा ही मामला सामने आया, जब जगतपुर आदिल गांव में फर्जी हाजिरी लगाकर मनरेगा में चूना लगाने के मामले की जांच के लिए टीम को वहां पहुंचना था. पर अधिकारी वहाँ नहीं पहुंचे, गांव न पहुंचने पर शिकायतकर्ता ने फोन कर जानना चाहा तो जांच अधिकारी बोले, गाड़ी में पेट्रोल खत्म हो गया है, भरवा दो तो जांच करने आएं……. . शिकायतकर्ता ने फोन पर बातचीत का आडियो वायरल किया तो चारों ओर खलबली मच गई.
जगतपुर आदिल में मनरेगा में चल रहे खेल को जब प्रमुखता से प्रकाशित किया गया तो प्रशासन की नींद टूटी. इस गांव में रोजगार सेवक अपने स्वजन और गांव के ऐसे लोगों की हाजिरी लगाकर भुगतान करा रहा है जो मनरेगा का काम करते ही नहीं. भिटौरा बीडीओ (BDO) इसकी जांच के लिए मंगलवार को सहायक विकास अधिकारी उद्योग मुन्नीलाल पटेल (Munni lal patel), समाज कल्याण विभाग के अवर अभियंता संदीप श्रीवास्तव (Sandeep shrivastav) और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अवर अभियंता को वहाँ भेजकर जाँच करने की बात कही गई, जांच टीम जब देर तक नहीं पहुंची तो शिकायतकर्ता राहुल बाजपेयी (Rahul bajpayi) ने सहायक विकास अधिकारी उद्योग को फोन किया.
तो अधिकारीयों ने जवाब देते हुए कहा कि रास्ते में हैं……… पेट्रोल खत्म हो गया है, आओ पेट्रोल भरवाओ तो हम जांच करने पहुंचे. हालांकि शिकायतकर्ता जांच अधिकारी के बुलावे पर नहीं पहुंचा. जब जांच टीम गांव पहुंची तो रोजगार सेवक पक्ष के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया. जांच टीम ने कुछ लोगों का बयान दर्ज किया और वापस लौट आई. राहुल बाजपेयी ने फोन पर बातचीत में पेट्रोल की मांग किए जाने का इंटरनेट मीडिया पर आडियो वायरल कर दिया. राहुल के नाम पर भी फर्जी तरीके से जाब कार्ड बनाकर मनरेगा का भुगतान कराया गया है. इधर, सीडीओ (CDO) सत्य प्रकाश (Satya prakash) ने कहा कि अगर जांच के नाम पर पेट्रोल खर्च मांगा गया है तो जांच अधिकारी को कार्रवाई के दायरे में लिया जाएगा. इससे पहले पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी.
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ