वर्ष 2020 में घटने वाली घटना अपने आप में ही बेहद अनोखी एवं डरावनी चाहे कोरोना (coronavirus) की बात करें या फिर बिहार आसाम में आई हुई बाढ़ की या फिर उड़ीसा बंगाल में तांडव मचाने वाले समुद्री तूफान की, यह सभी घटनाएं प्रमाणित करते हैं कि साल 2020 कैसा साल है. दुनिया में कोरोना की लड़ाई से अभी तक पूरी तरह उभरी भी नहीं थी और चीन में एक और वायरस ने दस्तक दे दी. जी हां! एक बार फिर से चीन में ही एक नए और खतरनाक वायरस ने जन्म लिया है. चीन में अब टिक नाम का वायरस जो कि कीड़े से फैलने वाला वायरस है, लोगों को अपना शिकार बना रहा है.
खबरों की मानें तो इस वायरस के चलते अब तक चीन में 7 लोगों की मौत हुई है जबकि इस वायरस से 100 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं. चीन के अखबार में छपी खबर के अनुसार नए वायरस की पहचान थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम ब्यूवायरस जिसे एसएफटीएस (SFTS) के नाम से भी जाना जा रहा है, के रूप में हुए हैं जिसमें वायरस की चपेट में आने वाले इंसान को तेज़ बुखार आता है. खबरों की मानें तो चीन (china के पूर्वी प्रांत जिसे जिआंगसु प्रांत भी कहा जाता है, में 37 से अधिक लोगों के वायरस की चपेट में होने की बात कहीं जा रही है जबकि चीन के पूर्वी प्रांत जिसे अनहुई प्रांत के नाम से जाना जाता है, में भी 23 लोग संक्रमित पाए गए हैं.
चिंताजनक बात यह है कि चीन के विशेषज्ञों ने कथित रूप से कहा है कि वायरस के मानव-से-मानव में फैलने वाले संक्रमण को खारिज नहीं किया जा सकता है. विशेषज्ञों की मानें तो ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब एसएफटीएस वायरस ने लोगों को संक्रमित किया है और सामने आए मामलों की स्थिति पुराने मामलों के उभरने के कारण है. एसएफटीएस वायरस गंभीर बुखार के साथ संबंधित है और यह टिक नाम के कीड़े द्वारा काटने पर मनुष्यों में पहुंच जाता है. गौरतलब है कि टिक वायरस की पहचान सबसे पहले चीन में शोधकर्ताओं की टीम ने लगभग एक दशक पूर्व की थी. वर्ष 2009 में चीन के हुबेई और हेनान प्रांतों के ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे पहले इस वायरस के कुछ मामले सामने आए थे. आपको बता दें कि शोधकर्ताओं की टीम द्वारा इस वायरस के संदर्भ में की गई एक स्टडी के मुताबिक इस वायरस का समय काल 7 से 13 दिन का होता है और 13 दिन बाद लोगों में इस वायरस के हल्के या कोई लक्षण नहीं पाए गए
क्या है इस वायरस के लक्षण ?
इस वायरस की चपेट में आने वाले लोगों में अलग – तरह के लक्षण पाए गए हैं. इन लक्षणों में से मरीज बुखार, थकान, ठंड लगना, सिरदर्द, लिम्फैडेनोपैथी, एनोरेक्सिया, मतली, दस्त, उल्टी, पेट में दर्द, मसूड़ों से रक्तस्राव जैसे लक्षण प्रमुख रूप से पाए गए हैं. इसके अतरिक्त किस वायरस से संक्रमित लोगों को कम प्लेटलेट काउंट और ल्यूकोसाइटोपेनिया जैसी समस्याएं भी घेर लेती हैं और वायरस अपने प्रचंड रूप में होता है तो शरीर के कई अंग काम करना भी बंद कर देते हैं. इन लक्षणों के अलावा कई मरीजों में रक्तस्राव की समस्या और तंत्रिका तंत्र पर भी इसका बेहद बुरा असर पड़ता है.
आपको बता दें कि केवल चीन ही नहीं बल्कि यह वायरल जापान, दक्षिण कोरिया समेत कई अन्य पूर्वी एशियाई देशों में मिल चुका है.
नए वायरस पर अध्ययन
चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने हाल ही में एक चीनी महिला के मामले का अध्ययन. नानजिंग में इस महिला जिसका नाम वांग बताया जा रहा है. ग्लोबल टाइम्स में छपी खबरों के अनुसार वांग जोकि जिआंगसु की राजधानी में रहती है और वह इस वायरस से पीड़ित थी. रिपोर्टों के अनुसार महिलाओं में भी बुखार और खांसी जैसे शुरुआती लक्षण देखे गए थे. इसके अलावा महिला के खून में ल्यूकोसाइट और प्लेटलेट काउंट भी कम पाया गया। हालांकि, लगभग एक महीने के उपचार के बाद वांग को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.
जी-4 वायरस भी है कतार में
पहले कुछ दिनों कुछ महीनों में चीन से जिस तरह की खबरें आ रहे हैं उसे देखकर लगता है कि चीन हर प्रकार के वायरस हो का केंद्र बन चुका है. केवल खुराना और एसएफटीस वायरस ही नहीं बल्कि पिछले महीने जून में जीफो नामक वायरस ने भी लोगो को अपना शिकार बनाया था. आपको बताया नहीं कि जी फोन वायरस सूअरों से फैलने वाला वायरस है जो सूअरों में पाया जाता है लेकिन इंसान के सूअर के संपर्क में आने पर यह इंसान में भी फ़ैल रह है. गौरतलब है कि चीन में सूअरों की खेती की जाती हैं और सूअर का मांस चीन में काफी प्रचलित है जिसे चीनी लोग बड़े चाव से खाते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार चीन के 80% से भी अधिक सूअर इस वायरस से संक्रमित हैं और इनकी देखभाल करने वाले ज्यादातर किसान भी इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं. खुद चीन की सरकार ने भी यह माना था कि कई चीनी लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. हालांकि इस वायरस से मरने वालों की संख्या का खुलासा नहीं हुआ है लेकिन इस वायरस को भी अन्य दोनों वायरस की तरह ही खतरनाक और मानव-से-मानव में फैलने वाला शंकर में संक्रमण करार दिया गया है.
कॉरोना से दुनिया बेहाल
साल 2020 की सबसे बड़ी त्रासदी है कोरोनावायरस. एक ऐसी बीमारी जिसके बारे में दुनिया में ना पहले कभी सुना था ना कभी अनुभव किया था. कोरोना से दुनिया के लगभग सभी देश लड़ रहे हैं और इस वायरस की चपेट में अमीर-गरीब, छोटे-बड़े सभी लोग हैं. अभी तक इसकी वैक्सीन पर काम जा रही है कुछ देश कोरोनावायरस की वैक्सीन बनाने और उसका सफल परीक्षण करने का दावा कर चुके हैं अभी तक कुछ ठोस सामने निकलकर नहीं आया. कोरोना वैक्सीन बनाने की रेस में अमेरिका, रूस, इजरायल और इटली शामिल हैं. भारत में भी इस वैक्सीन पर परीक्षण जारी है, भारत अपने देश में ही बने वैक्सीन का परीक्षण कर रहा है और खबरों की मानें तो 15 अगस्त 2020 को वैक्सीन को बाजार में उतारा जा सकता है. भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक भारत में रिकवरी रेट में बढ़ोतरी हुई है. हालांकि कारोना के मामलों की संख्या में कोई गिरावट नहीं दर्ज की गई है.