आज पूरा विश्व कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है. भारत भी इस बीमारी से अछूता नहीं है भारत में भी कोरोना मरीजों की संख्या 20 लाख से ऊपर पहुंच चुकी है और हर दिन हजारों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं. लेकिन भारतीय सरकार कोरोना से बचने के लिए किए गए लॉकडाउन से लेकर अभी तक पूरी एक्शन में दिखाई दी है. खुद प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के खिलाफ भारत की इस लड़ाई में मोर्चा संभाला संभाल रखा है और पूरा देश वह सरकार के कर्मचारियों को आगे बढ़कर मार्गदर्शन एवं दिशा दिखाते आए हैं. प्रधानमंत्री और भारत सरकार ने नई योजनाओं को लागू करने के साथ ही कुछ ऐसे अहम फैसले भी लिए हैं जिनके काफी दूरगामी परिणाम होने वाले हैं. केवल प्रधानमंत्री मोदी ही नहीं बल्कि भारत सरकार के अन्य मंत्रियों ने पूरी तरह से एक्शन में हैं और अपने ऑफिसों से नियमित काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन से लेकर अभी तक कई योजनाओं का शुभारंभ किया है. अब इस कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक नए खास प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है. सरकार द्वारा इस प्लैटफॉर्म की शुरुआत ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन देने और कर प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य की गई है. नए सिस्टम का नाम, ‘ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट’ (Transparent Taxation), रखा गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में इस नए सिस्टम को आधुनिक भारत या 21वीं सदी के भारत का सिस्टम करार दिया. इस नई प्रणाली में फेसलैस, असेसमेंट-अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म हैं. गौरतलब है कि इस नए और आधुनिक प्लेटफार्म के तहत करदाता को फेसलेस असेसमेंट, टैक्स पेयर्स चार्टर, फेसलेस अपील की सुविधा मिलेगी. इन सब सुविधाओं के साथ ही सबसे महंगा जरूरी बात यह है कि पहले के  मुकाबले अब टैक्स भरना और आसान होगा और आधुनिक तकनीकों की सहायता से लोगों पर भरोसा जताया जाएगा.

क्या है टैक्स चार्टर और नया टैक्स सिस्टम ?

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्ष 2012-13 में जो भी लोग टैक्स भरते थे उनकी स्क्रुटनी या जांच होती थी. आज संख्या में भारी कमी आई है क्योंकि हमने एक्सपेयर पर विश्वास/भरोसा जताया है. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान यह भी बताया कि 130 करोड़ की आबादी वाले भारत देश में महज एक करोड़ लोग ही टैक्स भरते हैं. इस बार इस बात पर जोर देते हुए उन लोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा हमें इस पर चिंतन करने की आवश्यकता है क्योंकि उससे ही देश आत्मनिर्भर बनेगा. आगामी 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से अपील की कि वे भी टैक्स देने का संकल्प लें.
नए सिस्टम और तकनीक के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सिस्टम से मिलने वाली सुविधा कुछ सुविधाएं अभी से लागू हो गई हैं जबकि पूरी सुविधा 25 सितंबर से शुरू होगी. उन्होंने कहा कि हमने पिछले कुछ वर्षों से ऐसे मुद्दों और उनसे जुड़ी समस्याओं पर ध्यान दिया है और यह एक नई यात्रा की शुरशुरुआ है. इस नई प्रणाली से ईमानदार टैक्सपयेरों का सम्मान होगा जो राष्ट्र निर्माण में अपनी और सक्रिय भूमिका निभाते हैं. गुरुवार 13 अगस्त से शुरू हो रही नई व्यवस्थाएं मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्ननेंस को आगे बढ़ाती हैं जिससे सरकार का दखल कम होगा.

इस प्रणाली के बारे में लोगों को विस्तार से समझाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब जान-पहचान का मौका खत्म हो गया और अब ट्रांसफर पोस्टिंग के मसलों से राहत मिलेगी. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने बताया कि टैक्स से जुड़े मामलों की जांच और अपील दोनों ही फेसलैस होंगी यानी कि अब आयकर विभाग को टैक्सपेयर का सम्मान रखना जरूरी होगा. टैक्स से जुड़े मामलों की जांच को फेसलैस यानी बिना पहचान बताए ही जांच को पूरा करना होगा क्योंकि बिना पहचान के उनके और उनके परिवार को कोई खतरा नहीं होगा इसके साथ ही जांच में निष्पक्षता का आधार बढ़ेगा और जांच का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचेगा. केंद्र सरकार ने इस बात को ध्यान में रखकर ही नई योजना की शुरुआत की है क्योंकि सरकार भी जानती है कि टैक्सपेयर्स के योगदान से ही देश चलता है और उसे तरक्की का मौका मिलता है इसलिए उसको सम्मान मिलना ही चाहिए.

अब केवल सीधा और साफ रास्ता ही उपलब्ध होगा

हम भारतीयों की जुगाड़ या गलत तरीके से काम करने की प्रवृति को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गलत तौर-तरीके सही नहीं है और छोटे रास्ते नहीं अपनाना चाहिए. लोगों को इस बारे में सलाह देते हुए प्रधानमंत्री बोले कि हर किसी को कर्तव्यभाव को आगे रखते हुए काम करना चाहिए. पॉलिसी स्पष्ट होना, ईमानदारी पर भरोसा करना, सरकारी सिस्टम में टेक्नोलॉजी का प्रयोग करना, सरकारी मशीनरी का सही उपयोग करना और सम्मान करना आदि जितनी भी रिफॉर्म से जुड़ी बातें हैं उनके संदर्भ में मजबूरी-दबाव में लिए जाते थे जिससे परिणाम नहीं मिलता था.


इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में भारत सरकार की नीतियों का भी वर्णन किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हर सेक्टर में रिफॉर्म जारी है और सरकार लगातार सिस्टम को अपडेट करने और जटिल सिस्टम से लोगों को होने वाली दिक्कतों को हल या ख़तम करने पर काम कर रही है. ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में उछाल का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश आगे बढ़ा रहा है और कोरोना संकट में भी देश में रिकॉर्ड एफडीआई का आना इस बात को प्रमाणित करता है.
उन्होंने कहा कि देश के साथ छल करने वाले कुछ लोगों की पहचान के लिए बहुत लोगों को परेशानी से गुजरना पड़ा और ऐसे में साठगांठ की व्यवस्था बन गई. सांठगांठ की व्यवस्था से देश का बहुत नुकसान हुआ है और इसके कारण ब्लैक-व्हाइट का उद्योग इस हद तक बढ़ गया.

दूसरे प्रदेश का अधिकारी करेगा जांच

अपनी बात रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले 10 लाख रुपए के मामले को लेकर अदालत में चला जाता था, लेकिन अब हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में जाने वाले मामले की सीमा क्रमश: 1-2 करोड़ की गई है और अब फोकस अदालत से बाहर ही मामलों को सुलझाने पर है.
प्रधानमंत्री ने बताया कि इससे पहले अपने शहर का अधिकारी ही मामला देखता था, लेकिन अब टेक्नोलॉजी की वजह से देश के किसी भी हिस्से का अधिकारी केस की जांच कर सकता है. मिसाल के तौर पर अगर मुंबई में कोई केस सामने आता है, तो उसकी जांच का मामला मुंबई को छोड़कर किसी भी शहर की टीम के पास जा सकता है और उस आदेश का रिव्यू किसी दूसरे शहर की टीम करेगी, टीम में कौन होगा इसका नतीजा भी कंप्यूटर से किया जाएगा. 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *