न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन(NBA) ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह उसके न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्डस अथॉरिटी(NBSA) को मान्यता प्रदान करे, ताकि सभी न्यूज चैनल, सदस्य इसके निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य हों और दंड के लिए भी उत्तरदायी हों। एनबीए ने शीर्ष अदालत में अपने शपथपत्र में कहा, “एनबीएसए(NBSA) को मान्यता देने से समाचार प्रसारण मानक नियमों को भी मजबूती मिलेगी और इसमें उल्लेखित दंडों को और अधिक कठोर बनाया जा सकता है।”

इस तरह से स्वतंत्र स्व-नियामक तंत्र को सभी प्रसारकों के खिलाफ शिकायतों की सुनवाई के सशक्त किया जाएगा, चाहे एनबीए के सदस्य हों या नहीं, इसका आदेश सभी समाचार प्रसारकों पर बाध्यकारी होंगे।

यह हलफनामा सुदर्शन न्यूज के कार्यक्रम श्रृंखला ‘बिंदास बोल’ के बाकी पांच एपिसोड ‘यूपीएससी जेहाद’ के प्रसारण से संबंधित मामले में दायर किया गया है। समाचार चैनल ने दावा किया है कि कार्यक्रम खोजी पत्रकारिता का एक परिणाम है, जो इस बात पर केंद्रित है कि मुसलमानों ने भारतीय सिविल सेवा में कैसे ‘घुसपैठ’ किया है।

सुप्रीम कोर्ट सोमवार को मामले की सुनवाई करेगा।

शुक्रवार को न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि एनबीए ‘टूथलेस’ है, क्योंकि यह अधिकतम 1 लाख रुपये का जुमार्ना लगा सकता है, और इसने कार्यक्रम कोड का उल्लंघन करने वाले टीवी चैनलों के खिलाफ कार्य करने के लिए कुछ टूथ (शक्ति) की मांग की है।

Source: IANS

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