केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि सुदर्शन टीवी के कार्यक्रम ‘यूपीएससी जेहाद’ ने प्रोग्राम कोड का उल्लंघन किया है और इसी वजह से चैनल को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और बताने के लिए कहा गया है कि उसके खिलाफ क्यों न कोई कार्रवाई की जाए। केंद्र की ओर से पेश सॉलिस्टिर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति डी.वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को कहा कि सुदर्शन टीवी को 28 सितंबर तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है और सुझाव देते हुए कहा कि कोर्ट को मामले की सुनवाई स्थगित कर देनी चाहिए।
इसपर, पीठ ने कहा कि अगर उसने मामले में हस्तक्षेप नहीं किया होता और रोक नहीं लगाई होती तो, सभी 10 एपिसोड टेलीकास्ट कर दिए जाते।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “कार्यक्रम अभी तक समाप्त हो गया होता, अगर कोर्ट ने हस्तक्षेप नहीं किया होता।”
मेहता ने इसपर कहा कि यह अच्छा होगा अगर अदालत का हस्तक्षेप मामले में अंतिम उपाय हो।
न्यायमूर्ति ने कहा कि इसके साथ ही सुनवाई को भी समाप्त करने की जरूरत होती है, सभी अच्छी चीजों का भी अंत होता है।
Source: IANS