भारतीय जनता पार्टी(BJP) की नई टीम में कुल 70 नेताओं को जगह मिली है, जिनमें 37 नए चेहरे शामिल हैं। इसमें कुछ वरिष्ठ नेताओं को छोड़ दें तो अधिकांश लो प्रोफाइल यानी कम चर्चित चेहरे हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने टीम में युवा चेहरों पर दांव खेला है। चुनावी राज्यों के नेताओं को पार्टी ने संगठन में रखने पर खास फोकस किया है। 

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर पहले की तरह ही 12 नेताओं को रखा है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में जिन नए चेहरों को मौका मिला है, उसमें पश्चिम बंगाल के नेता मुकुल रॉय, यूपी की धौरहरा सांसद रेखा वर्मा, झारखंड की सांसद अन्नपूर्णा देवी, गुजरात से सांसद डॉ. भारती बेन शियाल, तेलंगाना के डी.के. अरुणा, नगालैंड के एम.चौबा एओ, केरल के अब्दुल्ला कुट्टी शुमार हैं। पार्टी ने पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और बिहार के लोकसभा सांसद राधामोहन सिंह, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है।

राष्ट्रीय महासचिव टीम में कई नाम चौंकाने वाले हैं। मसलन, कर्नाटक के विधायक सीटी रवि, आंध्र प्रदेश की डी. पुरुं देश्वरी और असम के सांसद दिलीप सैकिया को पार्टी ने राष्ट्रीय महासचिव बनाकर सबको चौंका दिया। राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी देख रहे तरुण चुग को प्रमोशन देकर राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। जेपी नड्डा ने अमित शाह की टीम के भूपेंद्र यादव, अरुण सिंह और कैलाश विजयवर्गीय को महासचिव पद पर बरकरार रखा है।

कुल 13 नेताओं को राष्ट्रीय मंत्री बनाया गया है, जिसमें सुनील देवधर, सत्या कुमार को छोड़कर सभी नए चेहरे हैं। महाराष्ट्र के विनोद तावड़े, यूपी से विनोद सोनकर, ओडिशा से विश्वेश्वर टूडू, दिल्ली से अरविंद मेनन, यूपी से लोकसभा सांसद हरीश द्विवेदी, महराष्ट्र से पंकजा मुंडे, मध्यप्रदेश से ओम प्रकाश ध्रुवे, पश्चिम बंगाल से अनुपम हाजरा, महाराष्ट्र से विजया राहटकर और राजस्थान से डॉ. अल्का गुर्जर जैसे नए चेहरों को राष्ट्रीय सचिव बनने का मौका मिला है। इसमें विनोद सोनकर और विजया राहटकर ही दो नेता ऐसे हैं, जिन्हें पिछली टीम में भी क्रमश: अनुसूचित मोर्चा और महिला मोर्चा के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी थी। हालांकि राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी दोनों नेताओं के लिए भी नई है।

जेपी नड्डा ने सभी मोर्चा पर नए चेहरों की नियुक्ति की है। भारतीय जनता युवा मोर्चा अध्यक्ष पद पर पूनम महाजन की जगह कर्नाटक के लोकसभा सांसद तेजस्वी सूर्या को मौका दिया गया। इस तरह ओबीसी, किसान मोर्चा, अनुसूचित जाति और जनजाति मोर्चा और अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष पद पर भी नए चेहरों की नियुक्ति हुई है।

Source: IANS

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