Fatehpur: दहेज़ के लिए प्रताड़ना हो या बेटी के जन्म की बात हो, हमारे समाज में आज भी ऐसी कुप्रथाएँ मौजूद है. इस बात को सही साबित करते हुए ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहाँ पर बेटी के जन्म लेने से नाराज़ हुए पति गुलरेज़ शेख़ ने पत्नी नुसरत को फ़ोन पर ही तीन तलाक दे दिया. एक साल पहले वह ससुराल छोड़कर अपने मायके आबूनगर में रहने लगी. नुसरत ने बुधवार को सदर कोतवाली में इस बात की शिकायत करके पति पर कार्यवाही करने की मांग की है.
पीड़िता महिला ने यह भी बताया कि, उसका निकाह 4 अक्टूबर-2014 को मध्यप्रदेश के रतलाम निवासी रेलवे कर्मी गुलरेज़ से हुआ था. ससुराल के लोग शादी के बाद दहेज़ के लिए परेशान करते थे. बेटी को जन्म देने के बाद पति ने 11 अक्टूबर 2016 को फ़ोन पर ही तलाक कह दिया था, इसके बाद भी वह ससुराल में ही रह रही थी. जब ससुराल वालो ने उसे और ज्यादा प्रताड़ित करना शुरू क्र दिया तो वह सल 2020 में पुत्री को लेकर मायके आ गई, इसके बाद 6 जुलाई 2021 को पति उसके घर गया और फिर तीन बार तलाक कह दिया। तीन तलाक पर कानून आने पर पीड़िता को इन्साफ की उम्मीद जगी, तो उसने इस विषय में पुलिस से शिकायत की है. कोतवाल अनूप सिंह ने बताया की तहरीर के आधार पर जाँच की जा रही है, जल्द ही आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जायेगा.
तीन तलाक से सम्बंधित ज़रूरी तथ्य
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(Ramnath Kovind) के द्वारा तीन तलाक कानून को 19 सितम्बर, 2018 से लागू किया गया था. इस कानून के तहत मुस्लिमो में एक ही बार में तीन तलाक कहकर शादी तोड़ देने की प्रथा दंडनीय अपराध के दायरे में आती है. पत्नी को तीन तलाक कहकर रिश्ता तोड़ देने वाले पति को 3 साल तक की जेल हो सकती है.
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ