Fatehpur : घोटालेबाजी में कोई भी विभाग पीछे नहीं है. बिजली विभाग के कर्मचारी और अधिकारी ही विभाग को पलीता लगाने का काम कर रहे हैं. लाखों का बिल उपभोक्ताओं को तो दिया जाता है, लेकिन संशोधन के दौरान खेल करके घपला कर दिया जाता है. उपभोक्ता भी अपनी बचत करने के लिए बिजली विभाग के एजेटों और कर्मचारियों के चंगुल में फंस जाते हैं. आपको बता दें कि, चार माह में 162 बकायेदारों के बिलों का संशोधन करके खेल किया गया. विभाग ने 584 कटियाबाजों को पकड़कर महज 27 लाख की वसूली की. इस दौरान 1181 बकायेदारों पर कागजी कार्रवाई भी की गई.

केस-1

बिदकी के दरियापुर गांव के रमेश कुमार पटेल (Ramesh kumar patel) घरेलू कनेक्शन धारक हैं. इनके यहां बिजली टीम ने छापेमारी करके कटिया लगाकर बिजली की चोरी पकड़ी. इस पर टीम ने एक लाख समन शुल्क अर्थदंड लगाते 1.70 लाख रुपये बिल भेजा और लाइन काट दी. उपभोक्ता ने बिजली कार्यालय के गणेश परिक्रमा की और विभाग के कर्मचारी व दलों के माध्यम से 50 हजार रुपये कम कराकर बिल जमा कर दिया

केस-2

तेलियानी ब्लाक के धमिना गांव के घनश्याम (Ghanshyam) के नलकूप में 3.10 लाख रुपये बिजली का बकाया था, यह बिजली के कई अधिकारियों के समक्ष कई बार पेश हुआ, लेकिन न्याय नही मिला. अंत में डीएम (D.M.) के चौखट पर उपस्थिति हुआ. डीएम (D.M.) ने एक्सईएन (X.E.N.) को उपभोक्ता के बिलों की जांच कराने और सही बिल जमा कराने के निर्देश दिए. इस पर जेई की रिपोर्ट पर 70 हजार बिल कम कराकर जमा करा लिया.

स्थिति पर एक नजर

जनपद में कुल उपभोक्ता- 3.42 लाख

विभाग का कुल बकाए में फंसा- 101 करोड़ रुपये

उपभोक्ताओं की आरसी काटी- 1181

चार माह में बिलों का हुआ संशोधन- 162

चार माह में कनेक्शन काटे- 886

चार माह में हुई वसूली- 99 लाख

बकायेदार उपभोक्ताओं की संख्या- 1.86 लाख

बकाया वसूलने को टीमें लगीं- 15 अगर आरसी वापस नहीं की जाती है. उन्हीं मामलों की जांच कराई जाती है, जिस पर कोई सक्षम अधिकारी संस्तुति (सिफारिश) कर देता है. बिलों में संशोधन के खेल जैसा कोई मामला संज्ञान (जानकारी ) में आएगा तो जांच कराकर दोषी विभागीय कर्मचारी व अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.

लेख – टीम वाच इंडिया नाउ

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