नई दिल्ली: डेरा सच्चा सौदा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के 19 साल बाद पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और चार अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई.

अदालत ने आठ अक्टूबर को डेरा प्रमुख और अन्य को दोषी ठहराया था. मामले के अन्य आरोपी अवतार सिंह, कृष्ण लाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह हैं. एक आरोपी इंदर सेन की 2020 में ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी. अदालत ने डेरा प्रमुख पर 31 लाख रुपये, सबदिल पर 1.50 लाख रुपये, जसबीर और कृष्ण पर 1.25 लाख रुपये और अवतार पर 75,000 रुपये का जुर्माना लगाया.

जुर्माने की 50 फीसदी राशि पीड़ित परिवार को जाएगी. डेरा प्रमुख, जो वर्तमान में रोहतक की सुनारिया जेल में 2017 में अपनी दो शिष्यों से बलात्कार के आरोप में अपनी सजा के बाद से बंद है, वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुआ, जबकि अन्य चार अदालत में मौजूद थे.

पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह, जो इस संप्रदाय के अनुयायी भी थे, की 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. एक गुमनाम पत्र के प्रसार में उनकी संदिग्ध भूमिका के लिए उनकी हत्या कर दी गई थी, जिसमें बताया गया था कि कैसे डेरा प्रमुख द्वारा महिलाओं का यौन शोषण किया जा रहा था.

सीबीआई के आरोप पत्र के अनुसार, डेरा प्रमुख का मानना ​​था कि गुमनाम पत्र के प्रसार के पीछे रणजीत सिंह का हाथ था और उसने उसे मारने की साजिश रची. दो साल पहले, उन्हें पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा भी मिली थी.

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