Lucknow : लगातार चल रहे आंदोलन के बाद किसानों में उनकी जीत की उम्मीद जगी है. इतने लम्बे समय के बाद आखिर सरकार को किसान आंदोलन के सामने झुकना ही पड़ा. प्रधानमंत्री (PM) नरेंद्र मोदी (Narendra modi) कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान कर चुके हैं, इसके बाद भी संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन आगे बढ़ा रहा है. उनका आंदोलन अभी भी ख़त्म नहीं हुआ है. इको गार्डेन पार्क पर संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में भाकियू नेता राकेश टिकैत (Rakesh tikait) भी पहुंच गए हैं. इस दौरान उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान मृत 750 किसानों को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की है. राजधानी पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा (Ajay mishr) उर्फ़ टेनी को बर्खास्त करने की भी मांग की है.
कहा, MSP पर क़ानून बनाओ. उन्होंने कहा कि दूध के लिए भी एक नीति आ रही है उसके भी हम ख़िलाफ़ हैं, बीज क़ानून भी है. ऐसे कई विषय है जिनके बारे में हम सरकार से विस्तार में बातचीत करना चाहते हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा अब फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर कानून बनाने पर अड़ा है. मोर्चे की ओर से कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार लगातार इस मुद्दे पर किसानों को गुमराह कर रही है कि MSP लागू थी, लागू है और लागू रहेगी. जबकि हकीकत यह है कि किसानों की उपज औने-पौने दामों पर खरीदी जा रही है. संसद से कृषि बिल पास होने व कानून बनने के बाद से किसानों का आंदोलन चल रहा है. अब संयुक्त किसान मोर्चा लखनऊ में हुंकार भर रहा है.
मोर्चा की प्रदेश कमेटी के सदस्य व भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा (Harinam singh vrma) कहते हैं कि कृषि कानून वापसी चुनावी जुमला भर है. उन्होंने कहा कि कृषि कानून संसद से पास हुए थे तो संसद से ही वापस होने चाहिए. इसके लिए टेलीविजन पर बयानबाजी करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि जब तक MSP पर कानून बनाकर इसे लागू नहीं किया जाएगा, तब तक किसान मानने वाले नहीं है. किसान पंचायत में बिजली, डीजल, महंगाई आदि कई मुद्दों पर बात होगी. पंचायत में किसान नेता दर्शन पाल सिंह (Darshan pal singh), जोगेंद्र सिंह (Jogendra singh) आदि आएंगे.
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ