Fatehpur : शासन के द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ दिलाने के लिए जनपद में 82 क्रय केंद्र खोले गए हैं लेकिन इसका किसी तरह का कोई लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा यहां तो सब कुछ पटरी से उतरा हुआ है. किसानों को लाभ देने के बजाय यहां बिचौलिए मालामाल हो रहे हैं. केंद्र प्रभारियों व बिचौलियों की मिलीभगत से बड़ा खेल हो रहा है. उपज लेकर पहुंचने वाले किसानों को गुणवत्ता में कमी बताकर लौटा दिया जाता है या फिर 20 किलो प्रति क्विंटल की कटौती की बात कही जाती है. ऐसे में किसान औने-पौने दामों में अपनी उपज बेचने को विवश है.
केंद्र प्रभारियों की इतनी धमक है कि किसान अफसरों के सामने जुबान नहीं खोल पाते. गुरुवार को जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी ने कई केंद्रों का जायजा लिया लेकिन किसानों ने प्रभारियों के सामने कोई शिकायत नहीं की, ऐसे में इन पर कार्रवाई भी नहीं होती है.
हर बार की तरह इस बार भी धान खरीद में किसान लुट रहा और उसे उसका हक नहीं मिल पा रहा है. स्थिति यह है कि अधिकांश केंद्रों में बिना कटौती के किसानों का धान नहीं तौला जा रहा है. अचरज यह है कि नेफेड के 17 केंद्र बिचौलियो के कब्जे में हैं और इन केंद्रों में 15-20 किलो प्रति क्विंटल की कटौती प्रभारी करा रहे हैं.
समर्थन मूल्य 1940 व 1960 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों का धान तौलने के निर्देश है, लेकिन सम्बन्धित अधिकारी बिना कटौती के तौल नहीं करते हैं. हथगाम, लखनापुर व शाहपुर केंद्र का जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी अविनाश कुमार झा (Avinash kumar jha) ने जायजा लिया और किसानों से बात की उन्होंने कटौती के बारे में किसानों से पूछा लेकिन केंद्र प्रभारी के मौजूद होने से किसान कुछ नही बोले.
हालांकि बाद में किसान धान में कटौती के बारे में आरोप लगा रहे थे. जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी का कहना था कि धान कटौती की सूचना मिलती है तो मौके पर जाकर जांच की जाती है. उधर भाकियू के जिलाध्यक्ष रामकुमार सिंह गौतम (Ramkumar singh gautam) ने कहा कि धान की तौल में किसान लुट रहे हैं. कहा कि अधिकतर केंद्रों में कटौती बड़े पैमाने पर हो रही है. जिसको रोक पाना बड़ा ही मुश्किल दिख रहा है.
स्थिति पर एक नजर
अब तक की तौल -28519 एमटी
बुधवार की तौल -2899 एमटी
कितने केंद्रो में तौल हो रही – 82
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ