Fatehpur : जिले के एक मात्र आंखों के अस्पताल मदनमोहन नेत्र चिकित्सालय में दो साल से ऑपरेशन से जुड़ी दवाएं और सामान नहीं हैं. कई बार मांगपत्र भेजने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने दवाओं समेत अन्य सामानों की व्यवस्था नहीं की ऐसे में जिन्हें यहां ऑपरेशन कराना होता है. वह अपनी दवाएं व जरूरी सामान साथ ही लाते हैं.

मदनमोहन नेत्र चिकित्सालय बदहाल है. यहां ऑपरेशन कराने के लिए रोगी को हर सामान बाजार से खरीदना पड़ रहा है. स्थिति ये है कि ऑपरेशन करने का ब्लेड तक मरीज को खरीदकर लाना पड़ता है.

नेत्र ऑपरेशन कराने वालों को 21 तरह की दवाओं की जरूरत होती है. अस्पताल में एक भी दवा नहीं है. दवाओं के साथ अस्पताल प्रशासन नेत्र दर्शक समेत छह उपकरणों की दो साल से मांग कर रहे हैं लेकिन एक भी दवा या उपकरण की आपूर्ति अभी तक नहीं हुई है. ऐसे में नेत्र सर्जन को पुराने जर्जर उपकरणों की मदद से काम चलाना पड़ रहा है. इन हालातों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसके बावजूद अधिकारी इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे.

दो साल में पांच बार भेजा जा चुका है मांगपत्र

प्रभारी चिकित्साधिकारी विश्वेष त्रिपाठी (Vishvesh tripathi) ने बताया कि दो साल में पांच बार मांगपत्र सीएमओ (CMO) ऑफिस भेजा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऑपरेशन के लिए आने वाले मरीजों को दवा और सामान न होने की जानकारी दी जाती है. अगर स्वेच्छा से सामान उपलब्ध कराता है, तो उसका ऑपरेशन कर दिया जाता है.

राधा नगर निवासी विधान (Vidhan) ने बताया कि अस्पताल में इलाज के नाम सिर्फ खानापूरी हो रही है. यहां आई ड्राप तक नहीं है. जो दवा की जरूरत होती है उसे बाहर से लेना पड़ता है. कहने को यह नेत्र चिकित्सालय है लेकिन मात्र परामर्श केंद्र बनकर रह गया है.

शहर के मोहल्ला शादीपुर निवासी रौनक (Raunak) ने बताया कि यहां जो भी मरीज ऑपरेशन के लिए आते हैं उनसे पहले दवा और जरूरी सामान लाने को कहा जाता है. जब सारा सामान आ जाता है तब डॉक्टर ऑपरेशन करते हैं. सालों से ऐसी ही व्यवस्था है.

लेख – टीम वाच इंडिया नाउ

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