Fatehpur : निर्माण का टेंडर, निर्माण सामग्री मौके तक पहुंचाने व देखरेख करने वाले ठेकेदार की लापरवाही पकड़ी गई, तो इसका पूरा आरोप मजदूरों पर लगा दिया गया हैं.
मामला छिवलहा कस्बे का है. जहां नाली निर्माण में घटिया ईंटों का धड़ल्ले से प्रयोग चल रहा था. लोक निर्माण विभाग के जेई ने इसे मजदूरों की गलत बताया और कहा कि गलती से खराब ईंट ले आए हैं.
छिवलहा कस्बे से कोतला मार्ग का निर्माण पांच करोड़ 28 लाख 80 हजार की लागत से हो रहा है. इसकी लंबाई पांच किलोमीटर से कुछ ज्यादा है. बस्ती के अंदर एक मीटर चौड़ी नाली का निर्माण भी इसमें शामिल है.
दो दिन पहले छिवलहा कस्बे में नाली निर्माण कार्य शुरू हुआ है. इसमें घटिया ईंटों का प्रयोग किया जा रहा था. इसका खुलासा तब हुआ जब हथगाम ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि मनभावन शास़्त्री (Mnbhawan shastri) व व्यापार मंडल अध्यक्ष कमलेश गुप्ता (Kamlesh gupta) वहां पहुंचे.
उन्होंने आपत्ति करते हुए काम बंद करा दिया. प्रतिनिधि ने जेई (JE) लोक निर्माण विभाग से बात की तो उन्होंने तुरंत ईंट बदलने की बात कहकर मामले को संभाला गया.
जेई (JE) विवेक यादव (Vivek yadav) ने बताया कि मजदूरों की गलती से खराब ईंटें वहां आ गई थीं, दूसरी ईंटें मंगाकर काम शुरू कराया जाएगा. हथगाम प्रमुख प्रतिनिधि मनभावन शास्त्री ने बताया कि घटिया काम होने की शिकायत मिली थी. मौके पर जाकर देखा तो नाली निर्माण में घटिया ईंट पाई गईं. काम बंद करा दिया गया है और जब तक अच्छी ईंटें नहीं आती हैं, काम नहीं होगा.
छिवलहा व्यापार मंडल अध्यक्ष कमलेश गुप्ता ने बताया कि कई सालों की जद्दोजहद के बाद काम शुरू हो सका है. ऐसे में जब तक गुणवत्तापूर्ण काम नहीं होगा, इस पर आपत्ति होगी.
ठेकेदार माता प्रसाद (Mata prasad) ने बताया कि ईंटें कसराव मोड़ स्थित मां वैष्णो ब्रिक फील्ड से मंगाई गई हैं. भट्टा मालिक को एक नंबर की ईंट का आर्डर दिया गया है. गलती से तीन नंबर की ईंट आ गई है. इसे बदलवाया जाएगा.
गले नहीं उतर रहा जेई का तर्क
किसी भी निर्माण में मजदूरों का काम केवल मजदूरी तक सीमित होता है. ईंट, किस भट्ठे से और किस कीमत पर आनी है, इसके अलावा मौंरग व सीमेंट आदि चीजों का हिसाब भी ठेकेदार ही रखते हैं. मजदूर केवल मौके पर लाई गई चीजों को उठाकर राजगीर यानी मिस्त्री को देते हैं. ऐसे में मजदूरों द्वारा घटिया ईंट लाने का तर्क किसी के गले नहीं उतर रहा है.
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ