Fatehpur : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के लाख प्रयासों के बावजूद जनपद फतेहपुर की पुलिस अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है. 2 मार्च 2022 को खागा कोतवाली के अंतर्गत चक बबुल्लापुर मोहकम में 60 वर्षीय वृद्ध विधवा महिला को गांव के ही कुछ अराजक तत्वों ने रास्ते से निकलने की लिए मना किया, किंतु जब महिला उस रास्ते से निकली तो उन लोगों ने महिला की बुरी तरह से पिटाई कर दी और उसके कपड़े फाड़ दिए और महिला को भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे.
जब उसके पुत्र बऊवा ने इसका विरोध किया तो उसे भी मारा पीटा गया. गांव के ही रहने वाले संतलाल (Sant Lal) पुत्र जंगलिया (Jangaliya), बाबू पुत्र जंगलिया रामबरन (Rambaran) पुत्र बाबू द्वारा अभद्रता व मारपीट की गई. आपको बताते चलें कि, तकरीबन 10 वर्ष पूर्व भी आरोपियों ने रानी देवी पत्नी स्वर्गीय कैलाश उसके पुत्र तथा देवर छोटे लाल को बुरी तरह से मारा पीटा तथा मरणासन्न अवस्था में छोड़ कर चले गए थे.
जब पीड़ित ने खागा कोतवाली में एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई तो पुलिस की निष्क्रियता सामने आई और उन्होंने एफआईआर दर्ज न करके पास के ही एक सपा नेता कि शिफारस पर पीड़ितों पर ही मुकदमा कायम कर दिया, जो आज भी कोर्ट में विचाराधीन है. आज 10 वर्षों बाद महिला के साथ फिर से पुनरावृति हुई किंतु खागा पुलिस के कानों में जूं तक नहीं रेंगी. 4 दिनों से खागा कोतवाली के चक्कर काट कर हार चुकी महिला ने पुलिस अधीक्षक (SP) की चौखट पर न्याय की गुहार लगायी है.
महिला के तीन बार कोतवाली में लिखित प्रार्थना पत्र देने के बावजूद उसे यह कहकर वापस लौटा दिया गया कि, साहब अभी नहीं है अंततः मजबूर होकर जब गांव के गुंडा व दबंग प्रकृति के लोगों ने महिला को जान से मारने की धमकी दी तो महिला ने आज पुलिस अधीक्षक के द्वार न्याय की गुहार लगाई है.
- क्या हमारी कानून व्यवस्था इतनी लाचर हो गई है कि, किसी वृद्ध विधवा महिला को इंसाफ तक नहीं दिला सकती?
- क्या पुलिस प्रशासन की आड़ में गुंडे व अपराधी प्रवृत्ति के लोग ऐसे ही गरीबों को सताते रहेंगे?
- क्या कानून की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है?
- आखिर कब तक गरीबों को ऐसे लोगों की मार व कटु शब्दों को सुनना पड़ेगा?
- क्या खागा पुलिस इतनी लाचार हो गई है कि, किसी बेसहारा को इंसाफ तक नहीं दे सकती?
ऐसे कई सवाल हैं जिसके जवाब तो फतेहपुर खागा की पुलिस को ही देना पड़ेगा.
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ