आज पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाया जा रहा है यानिकि आजादी का दिन. वो दिन जिसकी वजह से आज हम एक सुकून भरी जिंदगी के हकदार हैं. लेकिन क्या आपको मालूम है की हम भारतीयों (India) के अलावा भी ऐसे 4 देश और हैं जो आज ही के दिन स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं. तो जानते हैं ऐसे ही कुछ देशों के बारे में.
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम है साऊथ कोरिया (South Korea) व दक्षिण कोरिया। दरअसल इस देश पर पहले जापान (Japan) का कब्ज़ा हुआ करता था. बाद में 15 अगस्त के दिन ही इसको भी जापान से आज़ादी मिली थी. 1905 में जापान और कोरिया के बीच ‘ताफ्ट-कत्सुरा’ नामक समझौता हुआ. इसके बाद 1910 में जापान ने अपनी कूट नीति से कोरिया के राजनीतिक, आर्थिक व अन्य संचार प्रणालियों पर अपना कब्ज़ा कर लिया.

उस दौरान जापानियों ने कोरिया नागरिकों को अपनी गुलामी करने पर मजबूर कर दिया था. यहां तक कि जापान इन पर अपनी संस्कृति थोपने के लिए कई कठोर यातनाएं भी देता रहा. कई दंश झेलने के बाद कोरिया के मूल निवासियों ने लगातार विद्रोह भी किया, मगर उनकी क्रूरता और शक्ति के आगे कोरिया सफल न हो सका. आगे जब अमेरिका ने जापान पर दो बड़ा परमाणु हमला किया. तो ऐसे में जापान ने अमेरिका के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इसके बाद 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध में जापान को हार का सामना करना पड़ा. इसके साथ ही कोरिया को आज़ादी मिल गई थी.
बेहरीन (Bahrain) ने भी 15 अगस्त 1971 को ब्रिटिशों से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। आपको बता दें की आजादी के बाद दोनों पक्षों ने एक मित्रता संधि पर हस्ताक्षर किए। 6 वीं शताब्दी में बहरीन एक इस्लामी मुल्क बन चुका था. आगे, जब 18 वीं शताब्दी के अंत में यहां पर अल खलीफा शाही परिवार का शासन हुआ करता था. तब 1830 में खलीफा और ब्रिटेन के बीच एक संधि हुई. इसके तहत बहरीन ब्रिटिश संरक्षित देश बन गया. इसके बाद ब्रिटेन ने बहरीन में फारस खाड़ी पर अपना कब्ज़ा कर लिया. आगे, 1971 में बहरीन ने ब्रिटेन से अपना समझौता समाप्त करने का फैसला किया.

दुनिया का छठा सबसे छोटा देश लिकटेंस्टीन (Liechtenstein) भी इसी दिन आजाद हुआ था. 1791 के आसपास लिकटेंस्टीन रोमन साम्राज्य का हिस्सा बन चुका था. 1815 में यह जर्मन संघ में शामिल हो गया. 1866 में यह समझौता टूट गया और लिकटेंस्टीन एक स्वतंत्र राज्य बन गया. यहाँ पर दोबारा रोमन साम्राज्य का दबदबा कायम हो गया. दिलचस्प यह है कि स्वतंत्र होने के बाद भी लिकटेंस्टीन में आज़ादी का जश्न नहीं मनाया जाता था. मगर, इतिहास में 15 अगस्त के ही दिन यहां पर एक धार्मिक त्योहार मनाया जाता था. जिसके बाद 15 अगस्त 1940 को पहली बार राष्ट्रीय दिवस के रूप में उत्सव मनाया गया. अउ अब ये हर साल इसी दिन के तौर पर माने जाता है.

इस सूची में आखिरी देश है कांगो (Cango) का 15 अगस्त का दिन कांगो देशवासियों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं हैं. इसी दिन करीब 80 सालों के बाद कांगो भी फ़्रांस की गुलामी से आज़ाद हुआ था. वे कांगो नदी पर अपना अधिकार जमाये हुए थे. 1885 में बेल्जियम ने भी कांगो में अपना उपनिवेश जारी रखा. आगे, राजा लियोपोल्ड द्वितीय के शासनकाल में लोग मुसीबत में थे. पूरे राज्य पर निजी कार्पोरेट का दबदबा था. इस दौरान कांगो कई बड़े-बड़े घोटाले हुए. इसकी वजह से देश में भुखमरी, गरीबी व बेरोजगारी जैसी समस्याओं ने जन्म ले लिया. इसके बाद हर तरफ इस शासन का विरोध किया जाने लगा. ऐसे में 1908 में बेल्जियम के राजा लियोपोल्ड द्वितीय ने औपचारिक रूप से कांगो को मुक्त राज्य घोषित कर दिया. इसके बावजूद कांगो ‘फ्रेंच कोलोनियल’ के अधीन ही रही. और आखिरकार कुछ सालों बाद इन्हें पूरी तरीके से आजादी मिली।
