क्रिकेट का सबसे रोमांचित और सबसे अधिक मनोरंजन प्रदान करने वाला फॉर्मेट यानी कि इंडियन परीमियर लीग (आईपीएल) एक बार फिर से लोगों को मनोरंजन प्रदान करने वापस आ रहा है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) द्वारा 20-20 विश्वकप रद्द किए जाने के बाद आईपीएल (IPL) की राह बहुत आसान हो गई. कोरोना (Coronavirus) महामारी की वजह से हुई देरी की के कारण इस वर्ष आईपीएल अप्रैल में न होकर सितंबर-अक्टूबर माह में होगा. क्रिकेट प्रेमी हर साल की तरह इस साल भी आईपीएल का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे और उनका इंतजार आखिरकार रंग लाया जब आईपीएल 2020 की घोषणा की गई. हालांकि इस बार का आईपीएल भारत में ना होकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में होगा. केंद्र सरकार ने अभी हाल ही में यूएई में आईपीएल कराने की अनुमति दे दी है.
नए स्पॉन्सर की तलाश
लेकिन आईपीएल को पिछले 2 सालों से स्पॉन्सर कर रहे हैं विवो इंडिया को इस बार बाहर का रास्ता दिखा दिया है. पर अगले साल के टाइटल स्पॉन्सर का विकल्प अभी खुला रखा गया है. बीसीसीआई अभी से ही नए टाइटल स्पॉन्सर की खोज में लग गई है. खबरों के अनुसार संभावित टाइटल स्पॉन्सर के दावेदारों की रेस में इ-कॉमर्स कंपनी अमेज़न, ई-लर्निंग एप बायजूस और ड्रीम11 हैं.
दरअसल गुरुवार को भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) ने बयान जारी किया था जिसमे जानकारी दी गई थी कि विवो इस साल के आईपीएल का स्पॉन्सर नहीं होगा. इसके साथ ही बीसीसीआई ने भी संकेत दिया था कि चीनी फोन निर्माता कंपनी विवो इंडिया अगले वर्ष आईपीएल के स्पॉन्सर के रूप में वापसी कर सकती है. बीसीसीआई के लिए आसान नहीं होगी, बाजार विशेषज्ञों की मानें तो विवो इंडिया की जगह लेने वाली कंपनी उसके जितनी कमाई नहीं कर पाएगी. बाजार के जानकारों के मुताबिक यदि बीसीसीआई टाइटल स्पॉन्सर से एक तिहाई जबकि बचा हुआ दो तिहाई हिस्सा दो अतिरिक्त पार्टनर कुछ जोड़कर कर सकती है और यदि ऐसा करने में सफल होती है तो इससे सबसे अधिक लाभ बीसीसीआई को ही होगा. हर वर्ष बोर्ड को विवो की ओर से 440 करोड़ रुपये की रकम दी जाती थी अब यदि बोर्ड विकल्प के तौर पर आई कंपनी से 180 करोड़ रुपये के करीब की रकम जुटा लेता है तो यह बोर्ड के लिए बड़ी उपलब्धि होगी.
क्या बायजूज होगा स्पॉन्सर?
गौरतलब है कि ई-लर्निंग ऐप अनअकैडमी जो बायजूस का सीधा और बड़ा प्रतिद्वंदी है, भी लंबे समय से आईपीएल से जुड़ने का प्रयास कर रहा है. एक अन्य एक अन्य स्पोर्ट्स फैंटसी प्लैटफॉर्म माई सर्किल11 वी आई पी एल का स्पॉन्सर बनने में दिलचस्पी दिखा रहा है. हालांकि इन दोनों कंपनियों के लिए आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सर की राह बहुत मुश्किल दिखाई देती है क्योंकि इन्हें सीधे तौर पर बायजूस और ड्रीम11 से टक्कर लेनी होगी.
बायजूस जो टीम इंडिया का वर्तमान में स्पॉन्सर है, पहले से ही काफी घाटा हो चुका है क्योंकि कोरोना की वजह से इस वर्ष भारतीय टीम में ज्यादा मैच नहीं खेले हैं और आने वाले समय में भारतीय टीम दिसंबर से पहले कोई भी द्विपक्षीय मुकाबला नहीं खेलेगी. इसके अतिरिक्त ना तो आई सी सी कोई टूर्नामेंट आयोजित करने वाला है और न ही एशियन क्रिकेट काउंसिल इन सब को देखते हुए बायजूस ने अपनी ब्रांड विजिबिलिटी खो दी है जिसके कारण बायजूस को नए निवेश के अवसर एवं साधनों की तलाश है. आपको बता दें कि पिछले वर्ष ओप्पो जो कि एक चीनी फोन निर्माता कंपनी है, को पीछे छोड़ कर बायजूस ने करीब 1069 करोड रुपए में भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी की स्पॉन्सरशिप हासिल की थी.
बीसीसीआई के सूत्रों के मुताबिक, “बीसीसीआई इस वर्ष के आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सर को तलाश रहा है. यदि बायजूस आईपीएल को स्पॉन्सर करता है और जर्सी स्पॉन्सरशिप के नंबर हटाने का फैसला करता है, तो यह दोनों के लिए फायदे का सौदा होगा.”
ड्रीम11 भी है रेस में
वहीं दूसरी ओर ड्रीम 11 जो आईपीएल का अधिकारी स्पॉन्सर है जो हर वर्ष बीसीसीआई को 40करोड़ रुपये का भुगतान करता है, को टाइटल स्पॉन्सर का एक बड़ा दावेदार माना जा रहा है और इसकी वजह है विजिबिलिटी जो कि ड्रीम11 के बिजनेस का एक अहम हिस्सा है और साथ ही साथ उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. पहले की याद हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं है कि यदि ड्रीम11 को आईपीएल का स्पॉन्सर बनना है तो उसे 40 करोड़ रुपये से अधिक देना होगा. बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, “यदि ड्रीम11 टाइटल स्पॉन्सर बनता है तो अनअकैडमी ऑफिशल पार्टनर बन सकता है। अगर बायजूज को टाइटल मिलता है तो माइसर्कल 11 आ सकता है. इस तरह से ब्रांड्स में कोई टकराव नहीं होगा.”
अमेज़न भी है दौड़ में
ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन भी आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सर की दौड़ में है. ई-कॉमर्स दिग्गज अमेज़न भी स्पॉन्सर बनने के लिए अपनी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. अमेज़न जानती है कि दशहरा-दीपावली का त्यौहार आने वाला है ऐसे में अगर अपने ब्रांड को लोगों की नजरों में लाना है तो इससे बड़ा और अच्छा अवसर दोबारा नहीं मिलेगा.