सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) आत्महत्या के मामले में एक नया और बहुत बड़ा मोड़ आया है. बीते 2 महीनों से जिस मांग को लेकर देश की पूरी जनता एकजुट हो हो गई थी और लगातार सुशांत के न्याय के लिए अपनी आवाज बुलंद कर रही थी आज वो आवाज और आज जनता की सारी मांगे पूरी हुई हैं. जी हां सर्वोच्च न्यायालय (supreme court) ने सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या के मामले में सीबीआई (CBI) जांच के आदेश दे दिए हैं. केवल सीबीआई जांच के आदेश ही नहीं सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार के पटना (Patna) में दर्ज हुई एफआईआर को कानूनी और सही करार दिया है. आपको बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत के खतरनाक हत्या के बाद लोगों के मन में सवाल उठ रहे थे यह सवाल और गहरे हो गए जब मीडिया वालों ने इस मामले में अपनी पड़ताल शुरू की और एक-एक कर सच को सामने लाने की हिम्मत दिखाई जिसके बाद से लोगों को यकीन हो गया था कि इस मामले में बहुत कुछ जांच योग्य है और जिसके बाद से सीबीआई जांच की मांग और भी तेज हो गई थी. लोगों ने ट्विटर पर वॉरियर 4 एसएसआर नाम से बनाए हुए एक हैशटैग को पूरे ट्विटर पर ट्रेंड कर आया और इस मुहिम से करोड़ों की संख्या में लोग जुड़े और सुशांत के के न्याय के लिए आवाज लगाई. 

गौरतलब है कि दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि मामले की पड़ताल मुंबई मुंबई में होनी चाहिए. लेकिन इस मामले में ऐसा मोड़ लिया कि बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय ने तय कर लिया कि सीबीआई इस केस की जांच करेगी.आपको बता दें कि  बिहार सरकार की सिफारिश पर केंद्र ने पहले ही इस मामले में सीबीआई को जांच की अनुमति दे दी थी और सीबीआई ने इस मामले में अपनी जांच पहले से ही शुरू कर चुकी है. गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय में रिया चक्रवर्ती और महाराष्ट्र सरकार एक ही स्वर में बोल रहे थे. जहां एक ओर, रिया चक्रवर्ती बिहार सरकार की सीबीआई जांच की सिफारिश का विरोध कर रही थी तो वहीं, महाराष्ट्र सरकार इसे महाराष्ट्र पुलिस के अंतर्गत आने वाला मामला बताकर सीबीआई जांच की विरोध कर रही थी. भाजपा से लेकर जेडीयू तक और शिवसेना से लेकर एनसीपी तक सभी की नजरें आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले थी. केवल राजनीतिक दल ही नहीं बिहार के युवकों और पूरे देश की जनता के साथ बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे को भी सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार था.

सुशांत केस में सीबीआई जांच

एएनआई के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले के दौरान कहा कि सुशांत के पिता द्वारा पटना में दर्ज एफआइआर सही थी. इस हाई प्रोफ़ाइल मामले की सीबीआई जांच को सही ठहराते हुए न्यायालय ने कहा कि महाराष्‍ट्र सरकार ने इसे चुनौती देने के अपने अधिकार का प्रयोग नहीं किया. इसके बाद न्यायालय ने सीबीआई जांच का आदेश दे दिया. 

किसने क्या कहा सर्वोच्च न्यायालय में?

गौरतलब है कि संबंधित पक्षों ने मंगलवार 13 अगस्त को अपने-अपने जवाब दायर किए थे. इसमें सुशांत के पिता के के सिंह महाराष्ट्र सरकार बिहार सरकार तथा रिया चक्रवर्ती सहित सभी पक्षों ने अपने जवाब दाखिल कर दिए थे. 

आपको से द्वारा दायर किए गए जवाब में जांच एजेंसी ने सर्वोच्च न्यायालय से सुशांत सिंह राजपूत की गजल माल हत्या के मामले में अपनी जांच जारी रखने की अनुमति मांगी थी. वहीं बिहार सरकार ने अपने जवाब में कहा था कि इस मामले में सीबीआई जांच शुरू हो चुकी है इसलिए रिया चक्रवर्ती की  पटना में दर्ज एफआईआर को मुंबई ट्रांसफर करने की मांग का कोई आधार ही नहीं बचता. सुशांत के पिता केके सिंह ने सीबीआई जांच के पक्ष में अपना जवाब दाखिल किया था. वहीं उधव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्‍ट्र सरकार ने सीबीआई जांच के विरोध में कहा था कि मुंबई पुलिस जांच में सक्षम है। रिया ने पटना में दर्ज एफआईआर तथा बिहार सरकार की सिफारिश पर सीबीआई जांच का विरोध किया था. हालांकि, यह अपने आप में बेहद दिलचस्प है कि पटना में हुई एफआईआर से पूर्व रिया चक्रवर्ती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए सुशांत सिंह राजपूत केस में सीबीआई जांच की मांग की थी और यह भी लिखा था कि वे सुशांत सिंह राजपूत की गर्लफ्रेंड है. आपको बता दें कि इस मामले में ईडी पहले ही रिया चक्रबर्ती उनके भाई शोमिक चक्रबर्ती और उनकी मैनेजर श्रुति मोदी से विस्तृत रूप में जांच कर चुकी है. इतना ही नहीं ईडी ने रिया चक्रवर्ती के सारे इलेक्ट्रॉनिक्स भी सीज कर दिए हैं जिसमें उनका मोबाइल फोन उनका लैपटॉप उनका आईपैड और अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं शामिल है. रिया के भाई सौमिक से ईडी ने करीब 18 घंटे तक पूछताछ की थी. इसके साथ ही ईडी ने सुशांत के परिवार के लोगों के भी बयान दर्ज किए हैं. 

क्या थी रिया चक्रबर्ती की मांग

अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया था. रिया चक्रवर्ती ने सर्वोच्च न्यायालय में अपनी याचिका में कहा था कि बिहार सरकार की सिफारिश पर हो रही कि बिहार सरकार की सिफारिश पर हो रही सीबीआइ जांच गैर-कानूनी है. रिया के वकील के अनुसार बिहार सरकार ने कार्यपालिका के अधिकारों का उल्लंघन किया है और उन्‍होंने पटना में दर्ज एफआईआर राजनीतिक जांच गैर-कानूनी है. उनके अनुसार बिहार सरकार ने कार्यपालिका के अधिकारों का उल्लंघन किया है. महाराष्ट्र सरकार की तरह है रिया चक्रवर्ती और उनके वकील सर्वोच्च न्यायालय में कहा था कि बिहार सरकार को जीरो एफआईआर का अधिकार था परंतु उन्होंने पूरी एफआईआर दर्ज की. उनके वकील मनेशिंदे ने पटना में दर्ज एफआईआर को राजनीतिक दबाव का परिणाम भी कहा था और इस आधार पर रिया ने सीबीआई जांच का विरोध करते हुए पटना में दर्ज एफआईआर को मुंबई ट्रांसफर कराने का आग्रह किया था. पर रिया चक्रवर्ती सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच के लिए तैयार थी लेकिन इसके बावजूद सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी बात नहीं मानी. 

गौरतलब है कि एक तरफ जहां सुशांत के फैंस और उनके समर्थक 2 महीने पहले से ही इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे तुम्हें सुशांत के परिवार ने 20 जुलाई की अपनी एफआईआर के बाद सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या के मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी. राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इस केस को विस्तार में पढ़ने के बाद प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर इस केस की जांच को सीबीआई से कराने की मांग की थी और अपने पत्र में उन्होंने 24 ऐसे बिंदु या सवाल उठाए थे जो साफ तौर पर इशारा करते हैं कि यह एक सुसाइड नहीं मर्डर है. सीबीआई के आने के बाद ही इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होगा. सुशांत केस में सीबीआई करेगी जांच, सर्वोच्च न्यायालय ने लगाई सीबीआई जांच पर मोहर

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