PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 2 दिनों गुजरात दौरे के पहले दिन सूरत में 3400 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी. इस दौरान उन्होंने सूरत के विकास और मॉडल (Surat Model) की जमकर तारीफ की. पीएम मोदी ने कहा कि सूरत शहर लोगों की एकजुटता और जनभागीदारी, दोनों का बहुत ही शानदार उदाहरण है. हिन्दुस्तान का कोई प्रदेश ऐसा नहीं होगा, जिसके लोग सूरत की धरती पर न रहते हों. सूरत की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये शहर श्रम का सम्मान करने वाला शहर है.
PM Modi ने दिया 4-P का मंत्र
सूरत में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 4पी का मंत्र दिया. पीएम मोदी ने कहा, ‘इस सदी के शुरुआती दशकों में जब दुनिया में 3-P यानी Public Private Partnership की चर्चा होती थी, तब मैं कहता था कि सूरत 4-P का उदाहरण है. 4-P यानी People, Public, Private Partnership. यही मॉडल सूरत को विशेष बनाता है.’
मैंने जो कहा, सूरत के लोगों ने किया: पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, ‘आज सूरत के सभी लोगों ने ऐसा कर के दिखा दिया है. मुझे खुशी है कि आज दुनिया के सबसे तेजी से विकसित होते शहर में सूरत का नाम है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘सूरत के लोग वो दौर कभी भूल नहीं सकते, जब महामारियों को लेकर, बाढ़ की परेशानियों को लेकर यहां अपप्रचार को हवा दी जाती थी. यहां के व्यापारियों से मैंने एक बात कही थी कि अगर सूरत शहर की ब्रांडिंग को गई तो हर सेक्टर, हर कंपनी की ब्रांडिंग अपने आप हो जाएगी.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘डबल इंजन की सरकार बनने के बाद तो घर बनाने में भी तेजी आई है और सूरत के गरीबों, मिडिल क्लास को दूसरी सुविधाएं भी मिलने लगी हैं. आयुष्मान भारत योजना के तहत देश में अभी तक लगभग 4 करोड़ गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज मिल चुका है. सूरत के कपड़ा और हीरा कारोबार से देशभर के अनेक परिवारों का जीवन चलता है. ‘ड्रीम सिटी’ प्रोजेक्ट जब पूरा हो जाएगा तो सूरत, विश्व के सबसे सुरक्षित और सुविधाजनक डायमंड ट्रेडिंग हब के रूप में विकसित होने वाला है.’
सूरत को एयरपोर्ट की जरूरत: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, ‘व्यापार, कारोबार में लॉजिस्टिक्स का कितना महत्व होता है, ये सूरत वाले अच्छे से जानते हैं. न्यू लॉजिस्टिक्स पॉलिसी से सूरत को बहुत लाभ होने वाला है. मल्टी मॉडल कनेक्टिवटी के लिए भी सूरत में एक बड़ी योजना पर काम शुरू हो चुका है. एयरपोर्ट से शहर को जोड़ने वाली सड़क जो बनी है, वो सूरत की संस्कृति, समृद्धि और आधुनिकता को दर्शाती है. लेकिन यहां अनेक साथी ऐसे हैं जिन्होंने एयरपोर्ट के लिए भी हमारे लंबे संघर्ष को देखा है, उसका हिस्सा भी रहे हैं. तब जो दिल्ली में सरकार थी, हम उनको बताते-बताते थक गए कि सूरत को एयरपोर्ट की जरूरत क्यों है, इस शहर का सामर्थ्य क्या है. आज देखिए, कितनी ही फ्लाइट्स यहां से चलती हैं, कितने लोग हर रोज यहां एयरपोर्ट पर उतरते हैं.’
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ