दिल्ली में संसद की नई इमारत बनाने का काम टाटा कंपनी को मिल सकता है. 865 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली इमारत का कॉन्ट्रैक्ट बुधवार को टाटा ने हासिल कर लिया है। एलएंडटी लिमिटेड ने 865 करोड़ रुपये की बोली पेश की थी.राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच संसद के दोनों सदनों के लिए ज्यादा सदस्यों की क्षमता वाली नई इमारतें बनाई जाएंगी. लोकसभा में अभी 545 सांसद हैं, नए सदन को 900 सांसदों के लायक बनाया जाएगा ताकि सीटें बढ़ने पर दिक्कत ना हो.
बता दें, बुधवार को केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने वित्तीय बोली की शुरुआत की. इसमें टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने 861.90 करोड़ की बोली लगाई जबकि लार्सन एंड टूब्रो ने 865 करोड़ की लागत बताई. टाटा की बोली कम है, इसलिए यह लगभग तय है कि संसद का निर्माण कार्य टाटा को मिलेगा.
संसद भवन की इमारत काफी पुरानी हो गई है और सुरक्षा को देखते हुए इस पर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं. सुरक्षा संबंधी खतरों को देखते हुए केंद्र सरकार ने संसद का नया भवन बनाने का फैसला किया है. सरकार ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है.
संसद के नए भवन को मौजूदा भवन के नजदीक ही बनाया जाएगा. इसका निर्माण सेंट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा. एक अनुमान के मुताबिक अगले 21 महीने में संसद के नए भवन का निर्माण पूरा हो जाएगा. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के मुताबिक, संसद की नई इमारत प्लॉट नंबर 118 पर बनाई जाएगी और पार्लियामेंट हाउस एस्टेट में स्थित होगी.
ऐसा होगा नया संसद भवन
# लोकसभा की नई इमारत में सदन के अंदर 900 सीटें होंगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि भविष्य में लोकसभा में सीटें बढ़ती हैं तो दिक्कत न हो।
# नए सदन में दो-दो सांसदों के लिए एक सीट होगी, जिसकी लंबाई 120 सेंटीमीटर होगी। यानी एक सांसद को 60 सेमी की जगह मिलेगी।
# संयुक्त सत्र के दौरान इन्हीं दो सीटों पर तीन सांसद बैठ सकेंगे। यानी कुल 1350 सांसद बैठ सकेंगे। राज्यसभा की नई इमारत में 400 सीटें होंगी।
# देश की विविधता दर्शाने के लिए संसद भवन की एक भी खिड़की किसी दूसरी खिड़की से मेल खाने वाली नहीं होगा। हर खिड़की अलग आकार और अंदाज की होगी।
प्रधानमंत्री आवास साउथ ब्लॉक की मौजूदा इमारत के पीछे बनेगा
पीएम आवास: साउथ ब्लॉक की मौजूदा इमारत के पीछे नया पीएमओ बनेगा। उसी के पीछे प्रधानमंत्री आवास बनेगा। अभी प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर है। इस आवास को साउथ ब्लॉक के पास बनाने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि प्रधानमंत्री के अपने आवास से दफ्तर और संसद आने-जाने के लिए ट्रैफिक नहीं रोकना पड़ेगा।