Fatehpur : फतेहपुर में पिछले तीन साल से मुसीबत से जूझ रहे करीब तीन सौ गांव और हजारों राहगीर आने वाली बारिश में फिर से मुश्किलों से जूझेंगे. बता दें कि, चौडगरा से ललौली तक 39 किमी लंबे कानपुर-बांदा मार्ग पूरी तरह टूटकर गड्डों में बदल चूका है. राहगीरों तक के पैदल चलने लायक भी यह रास्ता नहीं बचा है. गहरे गड्ढो के कारण सड़क हादसों का हब बन गई है. खस्ताहाल सड़क के कारण फजीहत से जूझ रहे विभाग के अफसर शासन की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं.

चार किमी सड़क के अवशेष शेष

यूं तो कानपुर बांदा मार्ग गड्ढों से पटा हुआ है लेकिन बिंदकी से ललौली की बढ़ते ही चार किमी सड़क का बस नाम भर है. बिखरी गिट्टियों में उलझकर दो पहिया वाहन हादसे का शिकार हो रहे हैं, जबकि भारी वाहन निकलनें पर गिट्टियों के छिटकने से साइड से निकलने वाले लोग चुटहिल हो रहे हैं. मार्ग पर पैदल चलना तो और भी जोखिमभरा है.

खस्ताहाल मार्ग के कारण चौडगरा कस्बे से ललौली तक करीब दो सौ गांव सीधे तौर पर प्रभावित हैं. तीन साल से लोग मार्ग को दुरुस्त कराने के लिए कई बार आवाज बुलंद कर चुके हैं, लेकिन जिम्मेदारों ने बजट का रोना रोकर लोगों की आवाज दबा दी है.

क्षतिग्रस्त पुलिया ले लेगी जान

कानपुर बांदा मार्ग पर शिवरी पुलिया की दुर्दशा डराने वाली है. पुलिस संकरी होने के साथ क्षतिग्रस्त भी है. बीच पुलिया में होल होने से आए दिन यहां पर वाहन फंसते हैं और जाम जैसे हालात रहते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि, क्षतिग्रस्त पुलिया को दुरुस्त करने में बरती जा रही उदासीनता राहगीरों पर भारी पड़ सकती है. पुलिया बड़ी अनहोनी की ओर संकेत दे रही है, लेकिन जिम्मेदारों के हाथ बंधे और आंखें बंद हैं.

लेख – टीम वाच इंडिया नाउ

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