Fatehpur : रूस (Russia) और (Ukraine) यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो गया है. इस भारी समस्या के काऱण यूक्रेन में फंसे हजारों भारतीयों के सामने सुरक्षित घर आने का संकट खड़ा हो गया है. यूक्रेन में एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई कर रहे छात्रों के अभिभावक उनकी सुरक्षा को लेकर बेहद परेशान हैं.

शहर के शादीपुर चौराहे के सागर नर्सिंग होम (Sagar Nursing home) के संचालक महेश मिश्रा (Mahesh Mishra) के दो बेटे उदय (Uday) और हर्ष (Harsh) पोल्टावा गवर्नमेंट कालेज, जिला पोल्टावा यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. पिछले कई दिनों से चल रहे तनाव को देखते हुए बेटों ने वापसी का टिकट करा लिया था, लेकिन प्लाइट कैंसल होने से वह वापस नहीं आ सके.

माता-पिता दोनों बेटों से लगातार संपर्क में हैं. बेटों के पिता महेश व मां किरन मिश्रा (Kiran Mishra) ने बताया कि, बड़ा बेटा उदय चौथे साल की पढ़ाई कर रहा है. और वह 2018 से वहीं पर है. छोटा बेटा हर्ष एमबीबीएस के पहले साल के एडमीशन के लिए 26 दिसंबर 2020 को गया था.

बताया कि, बच्चों ने लगातार बात तो हो ही रही है. तीन-चार दिन पहले से ही बच्चे हालात को लेकर परेशान थे. तभी वापसी का टिकट करा लिया. टिकट कैंसल होने के बाद चिंता बढ़ गई है. कहा बच्चों को एक माह का राशन तो रख लिया है लेकिन पानी का संकट बता रहे है. कहा कि, बच्चों ने बताया कि एटीएम कार्ड (ATM Card) काम नहीं कर रहे और बैंक खातों का संचालन भी बंद हो गया है.

मदद के लिए सब खड़े कर रहे हाथ

एमबीबीएस कर रहे छात्र हर्ष ने अपने पिता को बताया कि, यहां इतनी दहशत है कि कोई किसी तरह की मदद करने को तैयार नहीं है. यहां तक कि पोल्टावा का प्रशासन भी मदद मांगने पर हाथ खड़े कर रहा है. पिता महेश ने मांग किया कि, भारत सरकार हस्तक्षेप करके भारतीय छात्र, छात्राओं की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था करें.

यूक्रेन में शहर के हैं 19 छात्र

बताते है कि, पिछले तीन से चार सालों में जिले से 50 छात्र और छात्राएं जाने का अनुमान है. जिसमे शहर के ही 19 छात्र बताए जा रहे है. सिविल लाइंस का एक छात्र अंकित के भी यूक्रेन में होने की बात हर्ष ने बताई.

एलआइयू (LIU) प्रभारी दिनेश पाठक (Dinesh Pathak) ने बताया कि, एमबीबीएस करने वाले कई छात्र, छात्राएं यूक्रेन में हो सकते है. विदेश जाने वालों का कोई रिकार्ड नहीं रहता.

लेख – टीम वाच इंडिया नाउ

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