New Delhi : गंदगी और बीमारी का चोली-दामन का साथ है और इससे बचने की जरूरत हमेशा होती है. ऐसे में मच्छरजनित बीमारियां लोगों के लिए जानलेवा साबित होते हैं, खासतौर से डेंगू (Dengue) से हर साल बड़ी संख्या में लोग अपनी जान गंवा देते हैं. इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने मच्छरों के प्रजनन को रोकने के उपायों के तौर पर कानून में संशोधन कर जुर्माने की रकम बढ़ाने का निर्देश दिया है.
हाई कोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से दखल देने के लिए कहा है. मच्छरों के प्रजनन रोकने को लेकर हुई बैठक में उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के अधिकारी के शामिल नहीं होने पर भी नाराजगी जताई गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि, अगर निर्देश पर अमल हुआ तो किसी के घर और आस-पास बीमारी फैलाने वाले मच्छरों का लार्वा मिलता है तो भारी-भरकम जुर्माना भरना पड़ सकता है.
दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस विपिन सांघी (Vipin Sanghi) और जसमीत सिंह (Jasmeet Singh) की पीठ ने मुख्य सचिव से इस मामले में दखल देने और कानून में संशोधन करके जुर्माना रकम बढ़ाने को कहा है. इसके तर्क यह है कि गंदी और लार्वा (Larva) के चलते मच्छरों के प्रजनन के खिलाफ सख्ती की जा सके. दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों सहित सभी संबंधित विभागों के संबंधित अधिकारियों को दिल्ली में जल व मच्छर जनित बीमारियों के नियंत्रण और रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में अपनी कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.
गौरतलब है कि, मौजूदा समय में गंदगी फैलाने या मच्छर पनपने के लिए जिम्मेदार लोगों पर 500 रुपये का जुर्माना वसूलने का प्रविधान है. बता दें कि, आम आदमी पार्टी (AAP) हर साल डेंगू के खिलाफ अभियान चलाती है, जिसमें लोगों को घरों में पनप रहे डेंगू के मच्छरों के बारे में बताया जा रहा है. इसके साथ ही इससे निपटने के लिए क्या किया जाएगा? यह भी जानकारी लोगों को दी जाती है.
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ