73rd Republic Day : गणतंत्र दिवस (Republic Day) देश का राष्ट्रीय पर्व है. हर साल 26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस का इंतजार देश को सालभर रहता है. आजादी के बाद देश को सही ढंग से चलाने के लिए देश में संविधान का निर्माण किया गया. देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने संविधान अपनाया था. जिसके बाद 26 जनवरी 1950 में संविधान को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था.

आइये जानते है इस दिन (संविधान) से जुडी कुछ खास बातें

  • देश में पहली बार गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) ने 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण करते हुए आरंभ किया था.
  • देश के संविधान को बनाने में 2 साल, 11 महीने और 17 दिन का समय लगा था. इसे दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भी कहा जाता है.
  • देश के संविधान में 251 पन्ने है. जिसका वजन 3.75 किग्रा है.
  • देश के संविधान को बनाने में कुल 63,96,729 रुपए खर्च हुए थे.
  • विश्व के सबसे बड़े लिखित संविधान को लिखने के लिए देश भर से 389 सदस्य चुने गए थे.
  • देश के संविधान में संविधान सभा के 299 सदस्यों ने कॉन्स्टिट्यूशन हॉल में हस्ताक्षर किये थे. जिनमे से 15 महिला सदस्य थी.
  • देश में लागू संविधान की छपाई देहरादून स्थित सर्वे ऑफ इण्डिया में हुई थी, जिसमे करीब 5 साल का समय लगा था.
  • देश के संविधान की एक हज़ार प्रतियां (कॉपी) तैयार की गयी थी, जिसमे से एक प्रति संसद भवन के पुस्तकालय और एक प्रति देहरादून में आज भी सुरक्षित है.
  • देश के संविधान में कुल 395 अनुच्छेदों का विस्तार है. जिसमे 8 शेड्यूल और 1 प्रस्तावना है. हमारे देश के प्रधानमंत्री के कर्तव्यों का उल्लेख अनुच्छेद 78 में किया गया है.
  • देश के संविधान को लिखने की ज़िम्मेदारी रायजादा को दी गयी थी. इस दौरान संविधान को लिखने में रायजादा को 6 महीने का समय लगा था, जिसमे 254 पेन की निब का इस्तेमाल हुआ था.
  • देश का संविधान दो भाषाओं हिंदी और अंग्रेजी में लिखा गया है. 26 नवम्बर 1949 को अपनाया गया संविधान अंग्रेजी भाषा में था, जिसका हिंदी अनुवाद 1950 में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के अधिकार में प्रकाशित किया गया था.

लेख – टीम वाच इंडिया नाउ