Fatehpur (बिंदकी):संक्रामक बीमारियां तेज़ी से अपने पैर फैला रही है. शासन और प्रशासन इसकी रोकथाम के लिए काफी चिंता में है. लेकिन अस्पतालो का ढर्रा मरीज़ो के लिए मुसीबत खडी कर रहा है. अस्पतालों के अंदर डॉक्टरो का रवैया मरीज़ो के लिए बहुत ही बुरा है. जिसकी वजह से लोगो की जान तक खतरे में पड़ जाती है. सरकारी अस्पतालों में हर तरह से मरीज़ो के इलाज के लिए सुविधाए दी जाती है, पर उन सुविधाओं का लाभ आम जनता को नहीं मिल पाता है. जिसकी वजह है वह के डॉक्टरों और कर्मचारियों की लापरवाही.
बिंदकी सीएच्सी(CHC) में इमरजेंसी सेवाएं तो किसी तरह चल रही है, लेकिन ओपीडी(OPD) सेवा हर दिन आधे समय अपने ही मनमाने ढंग से चलती है.और इससे भी हैरानी की बात तो यह है की यहाँ पर्चा बनाने वाला ओपीडी काऊंटर भी समय से नहीं खुलता, इसके साथ ही यह भी बतया जा रहा है की यहाँ पर डॉक्टर(Doctor) भी कानपुर से आते जाते है और यह भी तय नहीं होता की डॉक्टर आएँगे भी या नही.
डीऍम(D.M.) की सख्ती के बाद भी यहाँ के डॉक्टरों के काम में कोई सुधार नहीं आया है.
बाल रोग चिकित्सको की कुर्सी रहती है खाली
यहाँ पर ओपीडी(OPD) का समय सुबह आठ बजे का है, लेकिन बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. टी.बी. सिंह(T.B.Singh) सुबह 9:57 तक वहाँ नहीं पहुँचते, कक्ष के बाहर लोग अपने बच्चो को लेकर डॉक्टरों का इंतज़ार करते रहे.
तीन घन्टे देर से शुरु हुई हड्डी रोग की ओपीडी(OPD)
हड्डी रोग विशेषज्ञ का कक्ष सुबह से बंद रहा कुछ देर बाद ही हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष चौरसिया(Manish Chaorasiya) पहुंचे सुबह 10:42 पर इनका कक्ष खोला गया,इसी विषय में बकेवर के अश्वनी ने कहा की आए दिन का यही हाल है. पहले तो ओपीडी(OPD) खुलती नहीं, और जब खुलती है तो बाहर से दवाएं लिखते है. इस पर जब सीऍमओ(CMO) डॉ. राजेन्द्र सिंह (Rajendra Singh)से बात की गयी तो उन्होंने इस मामले की जाँच कर व्यवस्थाओ को ठीक करवाने का भरोसा दिलाया है.
तीन घंटे बाद आयी डॉक्टर और पांच मिनट में ही वापस चली गयी
महिला रोगियों को देखने के लिए डॉ. रुचि सिंह (Ruchi Singh)को तैनात किया गया है, सोमवार को इन्हे दिखाने के लिए महिलाओ की लाइन लगी रही, लेकिन डॉक्टर तीन घंटे देर से पहुंची, डॉ. 11 बजे अपने चेंबर पहुंची और पांच मिनट में ही वापस चली गयी,मरीज़ इंतज़ार ही करते रहे.
बिना छुट्टी के दो डॉक्टर रहे गायब, नहीं खुले चेंबर
सीएच्सी(CHC) में डॉ. अभय पटेल(Abhay Patel) और डॉ. जय सिंह(Jay Singh) के चेंबर भी बंद रहे, रिकॉर्ड के अनुसार यह पता चला है की इन्होने अवकाश भी नहीं लिया है. और न ही इनके नाम के आगे अनुपस्थिति चढ़ायी गयी है. इसके बाद भी इनका कोई पता नहीं है यह अपने ही मनमाने ढंग से काम करके आम जनता को परेशान कर रहे है.
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ