Fatehpur : फतेहपुर जनपद के नगर में चल रहे शहर के ही पक्के तलाब में नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का हाल बेहाल है. इस अस्पताल में जनपद में एक अधिकारी की पत्नी का काफी दिनों से ही प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के तौर पर पोस्टिंग है, लेकिन यहा का आलम यह रहा कि, प्रभारी चिकित्साधिकारी अधिकतर गायब रहती है.

यहा जाकर जब स्टाफ से जानकारी चाही तो उन्होंने बताया की मैडम आती ही होगी. समय था 11बजकर 30मिनट और जब अधिक जानकारी चाही तो बताया कि, मैडम जिलाचिकित्साधिकारी से छुट्टी फोन पर ली है. अखिर मैडम कितने दिन शहर मे रहती है या छुट्टी पर? यह तो जनपद के विभागीय उच्चाधिकारी ही बता सकते है कि, कितने दिन शहर मे रहकर लोगों को स्वास्थ्य सेवायें दे रही हैं.

आपको बता दे कि, फतेहपुर शहर के नगरीय प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र रामगंज पक्का तलाब का हाल बेहाल है. यहा कि प्रभारी डाँ. मन्जू शुक्ला (Dr. Manju Shukla) बाराबंकी जनपद से बैठकर अस्पताल का संचालन करती है. इस पूरे मामले मे जनपद के विभागीय अधिकारी सब कुछ जानबूझकर भी अनजान बनें हुये है. यह अस्पताल पिछले कई सालो से राम भरोशे चल रहा है जो कि लगातार लोगों के साथ छलावा साबित हो रहा है.

नगरीय क्षेत्र का यह अस्पताल महज कागजी खेलों तक ही सीमित रहता है. विभागीय उच्चाधिकारियों इस पूरे मामले को काफी दिनों से नजर अन्दाज करते नजर आ रहे है. यहा पर एक दर्जन से अधिक लोगों की तैनाती है जो कि अस्पताल परिसर मात्र दो से तीन कर्मचारियों के भरोसे ही पूरा अस्पताल चलता है.
यह खेल पिछले काफी दिनों से चर्चा मे रहा है इनके पति पिछले इसके पहले जनपद के ही कारगार मे बतौर एक अधिकारी के पद पर कार्यरत थे. उस समय भी जब ये यहा इनकी तैनाती थी, तो शहर कें ही एक प्राईवेट अस्पताल में इलाज करती देखी जाती थी और तैनाती भी शहर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मे ही थी.

इसके बाद अब इनके पति डाँ. आलोक शुक्ला (Dr. Alok Shukla) का अन्तर जनपदीय स्थानान्तरण हो जानें की वजह से प्रभारी चिकित्साधिकारी डाँ. मँन्जू शुकला बाराबंकी से ही अधिकतर बैठ कर ही इलाज करती है और वही से बैठकर लगातार वेतन ले रही है. इनके साथ साथ कर्मचारियों का भी अस्पताल परिसर से गायब रहना लगाकर लगा रहता है जो कोई भी कुछ भी बोलने और बताने से कतराते है. लाखों रूपयों का वेतन लेने वाले कर्मचारियों का अपना एक अलग अन्दाज है जो जनपद के सिपलहारो के सहारे चल रहा है.

जनपद का यह कोई पहला मामला नही है इस तरह के मामलो पर विभागीय अधिकारी अक्सर से नजर अन्दाज करते नजर आते रहै है. सूत्रो की माने तो जब कोई अधिकारी अस्पताल परिसर मे पहुँच जाता है तो उपास्थित पंजीका में बाकयदा गैरहाजिर दिखा दिया जाता है और इसके बाद लगभग एक ही तरह के दस्खत बने हुये पाये जाने की बात सामने आ रही है.

शहर क्षेत्र के अधिकारियों के नाक के नीचे आखिर इस आँख मिचौनी का खेल किसके दम पर खेला जा रहा है जो अक्सर प्रभारी अधिकारी से लेकर कर्मचारियों तक मे गायब रहने का सिलसिला चल रहा है.

लेख – टीम वाच इंडिया नाउ

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