Fatehpur : फतेहपुर में विभागीय अफसरों की लापरवाही का खामियाजा अक्सर मासूम लोगों को भुगतना पड़ता है. बता दें कि, जनपद के एक, दो, तीन या चार नहीं बल्कि 136 विद्यालयों के ऊपर से एचटी लाइन (HT Line) गुजरी हुई है इससे हर वक्त किसी फाल्ट के होने से करंट का खतरा विद्यालयों पर बना रहता है. जिम्मेदारों का कहना है कि, शासन को लिखा-पढ़ी में अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई खास कदम नहीं उठाये गए है. यह भी जानकारी नहीं है कि लाइनें विद्यालयों की इमारतों के बनने से पहले कि है या फिर बाद की.

आपको बता दें कि, कंपोटिज विद्यालय थरियांव के ऊपर से एचटी लाइन गुजरी है. इसी तरह कंपोजिट विद्यालय कांधी के प्रवेश द्वार के ठीक बगल में ट्रांसफार्मर रखा हुआ है. ऐसे ही उच्च माध्यमिक विद्यालय टीकर के ऊपर से एलटी लाइन (LT Line) गुजरी हुई है. कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय शाह के ऊपर से भी एचटी लाइन गुजरी हुई है. स्वामी गोविंदपुरी इंटर कॉलेज के ऊपर से निकली एचटी लाइन कभी भी खतरे की घंटी बन सकती है.

जिले में 2126 परिषदीय स्कूल हैं. इनमें 136 स्कूल भवनों के ऊपर से एचटी बिजली की लाइन गुजरी है. ग्रामीणों का कहना है कि. भगवान न करें कभी कोई लाइन टूट कर गिर पड़े या फिर बारिश के वक्त ट्रांसफार्मरों का करंट किसी भवन में उतर जाए. विद्यालयों के मैदान और छतों के ऊपर से गुजरी लाइनें जिम्मेदारों को भी नहीं दिखाई देती हैं. कायाकल्प योजना के तहत स्कूलों का सुंदरीकरण तो कराया जा रहा हैं, लेकिन अधिकारियों को करंट की यह गंभीर समस्या दिखाई नहीं दे रही है. स्कूलों में सुंदरीकरण से अधिक जरूरी बिजली की लाइन हटाना है, लेकिन इसको पूरी तरह से नजरंदाज किया जा रहा है.

अभिभावक राजकिशोर, सुषमाहिना आदि का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा का ध्यान पहले रखा जाना चाहिए.

क्या बोले जिम्मेदार ?

सभी 136 विद्यालयों की सूचना शासन को भेजी गई है. यह पता किया जा रहा है कि विद्यालय पहले बने कि लाइन पहले डाली गई. जहां विद्यालय पहले बने हैं और लाइन बाद में खींची गई है तो वहां का खर्च बिजली विभाग करेगा और विद्यालय बाद में बने हैं तो तार हटवाने का खर्च शिक्षा विभाग को करना होगा. दोनो ही सूरत में दोनों विभागों को बजट की जरूरत होगी, जो फिलहाल नहीं मिला है.
संजय कुमार कुशवाहा, बीएसए

लेख – टीम वाच इंडिया नाउ

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