• फायर के लिए तय मानकों पर खरी नहीं है बिल्डिंग, इसके बावजूद बैक डोर से लगा रहा है चक्कर
  • योगी राज में स्वास्थ्य महकमें के इस सरकारी कर्मचारी के आगे नतमस्तक है पूरे जिले का स्वास्थ्य महकमा
  • नौकरी के दौरान निजी अस्पताल का संचालन करते हुए चंद पैसों में गर्भपात करने की भी दे चुका है सलाह

Fatehpur : गर्भपात जैसे जघन्य अपराध को कुछ पैसे में करने की बात करने वाला गोपालगंज पीएचसी (PHC) में सुपरवाईजर के पद पर तैनात इस सरकारी कार्मचारी के आगे मानो जिले का स्वास्थ्य महकमा पानी भरता नजर आता है.

ऐसा नहीं है कि, इस मामले की जानकारी जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को नहीं है. कई महीनें पहले ही उनको इस बारे में सब कुछ बता और दिखा दिया गया था, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल कुछ दिनों के लिए मौत बांटने वाले इस अस्पताल को बंद करा दिया गया और इसके बाद फिर वक्त बीतते ही दोबारा हरी झंडी देकर इसे खुलने की अनुमति दे दी गई है. एक बार फिर से दोनों दोबारा अपने कोराई अस्पताल के सहयोगी के साथ मिलकर लोगों को मौत बांटने लगे है.

सूत्रों की माने तो अपने चलते हुए रसूख का फायदा उठाकर पूरे मामले को सेट करने के बाद दोबारा फिरे से अस्पातल को खोला गया है, वहीं बात अगर रसूख की करे तो कई बार ट्रांसफर का ऑडर आने के बावजूद 20 सालों से गोपालगंज पीएचसी से महोदय को कोई भी हिला नहीं पाया है और कई साल से टिके होने के चलते वहीं गोपालगंज पीएचसी के निजी नर्सिंग होम का पूरा सिंडिकेट चलाता रहा है.

लेख – टीम वाच इंडिया नाउ

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