Fatehpur : शहर में बिना लाइसेंस (Licence) के एक दर्जन से अधिक ड्राइविंग स्कूल (Driving School) चल रहे हैं. इन स्कूलों के संचालक नियमों को नजरअंदाज कर सड़कों पर बिना रोकटोक के नौसिखियों को गाड़ी चलाना सीखा रहे हैं. परिवहन विभाग की इन पर अनेदखी किसी की जान पर भारी पड़ सकती है. इनके पास न डिप्लोमा (Diploma) है और न ही वाहन सीखाने का लाइसेंस (Licence). मनमानी राशि वसूल कर यह लोगों की जेबें भी काट रहे हैं.
कार ड्राइविंग सिखाने के नाम पर काफी बड़ा कारोबार चल रहा है. इसके चलते कई ड्राइविंग स्कूल अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं. यह सभी ट्रेनिंग स्कूल आरटीओ (RTO) के मानकों को पूरा नहीं करते हैं. साथ ही अनुभवहीन ड्राइवरों के सहारे लोगों को भीड़भाड़ वाली सड़क पर कार चलाना सिखाते हैं, जो कि जोखिम भरा होता है. आरटीओ के अधिकारी इस मामले में मूक दर्शक बने हुए हैं. पता चला है कि शहर में एक दर्जन से अधिक अवैध ट्रेनिंग सेंटर चल रहे हैं. इन संचालकों ने कम सैलरी पर ड्राइवर रखे हुए हैं, जो अनुभवहीन होते हैं और लोगों को कार चलाना सिखाते हैं. इसके अलावा ड्राइविंग सिखाने के लिए इनके पास खाली मैदान भी नहीं होता है. इस वजह से मेन रोड या कॉलोनी की सड़कों पर कार चलाना सिखाया जाता है. इसके चलते कई बार कार ड्राइविंग सिखाते समय बड़ा हादसा भी होने से बचा है.
नियमों का नहीं होता है पालन
ड्राइविंग स्कूल शुरू करने के लिए आरटीओ कार्यालय से रजिस्ट्रेशन (Registration) कराना होता है. इस दौरान स्कूल में मौजूद टेक्निकल स्टाफ, व्हीकल और लर्निंग लोकेशन की जानकारी देनी होती है. विभागीय अधिकारी मौके पर जाकर देखते हैं कि जिस जगह लोगों को कार चलाना सिखाया जाएगा वह पर्याप्त है या नहीं. इसके बाद कागजी कार्रवाई पूरी की जाती है. यह सभी मानकों का सर्वे होने के बाद ही लाइसेंस दिया जाता है. इसके अलावा ट्रेनिंग दे रहे ड्राइवर को कम से कम पांच साल का अनुभव होना चाहिए. स्कूल परिसर में लेक्चर के लिए भी पर्याप्त स्थान होना जरूरी है. इसके बाद भी शहर में कई स्कूल बिना रजिस्ट्रेशन के फर्जी तरीके से चलाए जा रहे हैं.
ड्राइविंग स्कूल खोलने के नियम
- परिवहन विभाग से लाइसेंस, प्रशिक्षण देने के लिए मोटर इंजीनियरिंग कर चुका प्रशिक्षक, वाहन सिखाने के लिए पांच साल कमर्शियल वाहन चला चुके अनुभवी चालक, खुद का एक वाहन हो.
- वाहन में दोहरे नियंत्रण की सुविधा हो, प्रशिक्षण के लिए आवश्यक मॉडल संकेत, यातायात चिन्ह, वाहन के सभी पार्ट्स के ब्योरे वाला चार्ट लगा हो.
- मोटरयान का इंजन, गियर बॉक्स, टायर लिवर, पंक्चर किट, व्हील ब्रेस, जैक, स्पैनर, परिसर में आपातस्थिति के लिए उपचार पेटिका, परिसर में ट्रैफिक संकेतकों युक्त ट्रैक.
यह होना चाहिए
ड्राइविंग स्कूल के संचालन के लिए मैकेनिक का डिप्लोमा होना जरूरी है. इसके अलावा जिस वाहन से ड्राइविंग करना सीखाया जाता है, उसका टैक्सी परमिट होना जरूरी है. वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र (Fitness Certificate) भी होना चाहिए. वाहन में दोनों तरफ स्टेयरिंग के साथ ब्रेक होना चाहिए. लेकिन बिना लाइसेंस के चल रहे ड्राइविंग स्कूल के संचालक इस तरह का कोई नियम पूरा नहीं कर रहे है. न ही परिवहन विभाग इनकी ओर ध्यान दे रहा है.
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ