Fatehpur : फतेहपुर में एक शिक्षक के आत्महत्या करने का मामला काफी चर्चा में है. बताते है कि, साथी शिक्षकों की प्रताड़ना से आहत सहायक अध्यापक ने बुधवार को फंदा लगाकर जान दे दी. बीते दिन वह लखनऊ से लौटे थे. आत्महत्या के पहले लिखे सुसाइड नोट में उन्होंने तीन सहयोगी अध्यापकों पर मानसिक प्रताड़ित और अपमानित करने का आरोप लगाया है.

यह है पूरा मामला

असोथर थाने के हैदरमऊ गांव निवासी 61 वर्षीय दिलीप सिंह (Dileep Singh) लखनऊ के खालसा इंटर कालेज चारबाग में सहायक अध्यापक थे. परिवार के साथ लखनऊ में कानपुर रोड सरोजनी नगर पावर हाउस के पीछे हनुमान गली में निजी मकान में रहते थे. मंगलवार शाम को वह गांव आए थे. रात में सभी के साथ खाना खाया और सो गए. सुबह पहर उठे तो लोगों ने देखा और इसके बाद अचानक गायब हो गए. तलाशने पर घर के पीछे अमरूद के पेड़ पर साड़ी के फंदे से उनका शव लटका मिला.

लखनऊ में रह रही पत्नी मीना (Meena) और बेटों विकास (Vikas) और शुभम (Shubham) को सूचना दी गई. थाना प्रभारी दीनदयाल सिंह (Dindayal Singh) ने बताया कि, शिक्षक ने फांसी लगाकर जान दी है.

सुसाइड नोट में कालेज के तीन शिक्षकों अजय कुमार, अशोक कुमार मिश्रा, भूपेंद्र सिंह पर प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है. तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करेंगे।

क्या लिखा सुसाइड नोट में ?

दिवंगत शिक्षक ने पैतृक मकान में छोड़े सुसाइड नोट में लिखा है कि, 15 नवंबर 2004 को कालेज में शिक्षक भर्ती निकाली गई थी, जिसमें वह खुद आवेदक थे. भर्ती में तमाम तरह के अड़ंगे शीर्ष अधिकारियों तक पहुंच वाले तीनों शिक्षकों ने लगाए. तीनों ने खुद फरवरी 2005 में नौकरी पा ली और उन्हें वंचित करा दिया. प्रबंधतंत्र बहाल होने पर पैरवी पर उन्हें छह जुलाई 2006 को सहायक अध्यापक पद पर ज्वाइनिंग मिली.

आरोपित तीनों साथी पेंशनभोगी बन गए और वह पेंशन के हक से पीछे रह गए. तीनों साथी लगातार उनके मान सम्मान को ठेस पहुंचाते रहे. इसके साथ ही दूसरा पत्र जो प्रबंधक को 21 जनवरी की घटना को लेकर लिखा गया उसमें आरोप लगाया है कि, कालेज में जलपान के दौरान आलोक मिश्रा और भूपेंद्र यादव ने नाश्ते के बाद जूठा दोना उन पर फेंक दिया था.

अधिक उम्र के चलते उड़ाया मजाक

दिवंगत सहायक अध्यापक दिलीप सिंह की सेवानिवृत्ति 31 मार्च 2022 को होनी थी. उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा कि, अधिक उम्र होने के चलते कम सेवा का भी मजाक उड़ाया जाता रहा है. टिप्पणियां और फब्तियां कसकर जीना हराम कर दिया गया था. जिससे दुःखी होकर शिक्षक ने आत्महत्या कर ली.

लेख – टीम वाच इंडिया नाउ