New Delhi : शिक्षा सभी मनुष्यों का अधिकार है और यह सबसे ज्यादा जरूरी भी है. यह हर किसी के हितों के लिए जरूरी होने के साथ ही यह एक सार्वजनिक जिम्मेदारी भी है. संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में कही गईं ये पंक्तियां हमारे जीवन में शिक्षा के महत्व को लेकर दर्शाती हैं.
संयुक्त राष्ट्र आम सभा (UNGA) द्वारा हर वर्ष 24 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (International Education Day) के तौर पर मनाए जाने की घोषणा 3 दिसंबर 2018 को इस उद्देश्य के साथ की गयी थी कि वैश्विक शांति और स्थायी विकास में शिक्षा के महत्व को इस अवसर पर हर वर्ष प्रचारित और प्रसारित किया जाएगा. इसके बाद से, वर्ष 2019 से अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस हर साल आज की तारीख पर मनाया जाता है.
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2022 का थीम
यूनेस्को द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2022 का थीम ‘चेंजिंग कोर्स, ट्रांसफॉर्मिंग एजुकेशन’ घोषित किया गया है. इस थीम के अंतर्गत, अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस इस वर्ष शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलावों को फोकस करता है, विशेषतौर पर शिक्षा में तकनीकी के बढ़ते उपयोग और समन्वय के दृष्टिकोण से.
बदलावों में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन भी
यूनेस्को के अनुसार, बिना समावेशी और समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सभी के लिए आजीवन अवसरों के हम किसी भी देश की लैंगिक समानता हासिल करने और गरीबी के उस चक्र को तोड़ने में सफल नहीं होंगे जो लाखों बच्चों, युवाओं और वयस्कों को पीछे छोड़ रहा है. ऐसे में इस वर्ष का अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस ऐसे सभी महत्वपूर्ण बदलावों को प्रदर्शित करेगा जिनसे शिक्षा के सभी के मौलिक अधिकार को स्थापित किया जा सके.
इन बदलावों में तकनीकी आधारित डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन (Digital Transformation) भी शामिल हैं, जो कि विश्व में उन 258 मिलियन बच्चों और युवाओं तक शिक्षा की पहुंच बढ़ाने में सक्षम है जो कि अभी तक स्कूल नहीं जा सके हैं.
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ