Fatehpur : जिला अस्पताल में डायलिसिस (Dialysis) यूनिट शुरू हो गयी है जिसके बाद गुर्दे की बीमारी से जूझ रहे 140 व्यक्तियों को नव जीवन मिल गया है. इन मरीजों को जिले में ही डायलिसिस (शरीर का खून फिल्टर कराना) की सुविधा मिल गई और महीने में तीस हजार का खर्च भी बच गया. यह मरीज अभी तक कानपुर (Kanpur)-लखनऊ(Lucknow) के निजी अस्पताल में चक्कर लगाकर हर महीने 30 हजार रुपये तक खर्च कर रहे थे. अब यह सुविधा जिला अस्पताल में निःशुल्क मिलने लगी है.

जिला अस्पताल में यूं तो 10 बेड की स्थाई डायलिसिस यूनिट (Dialysis Unit) बननी है. शासन ने इस यूनिट को स्वीकृत भी कर दिया है और धनराशि भी भेज दी है लेकिन जमीन न होने के कारण फिलहाल स्थाई यूनिट नहीं बन सकी है. मरीजों को सुविधा मिले इसके लिए प्रशासन की सूझबूझ से विकल्प बनाकर अस्थाई यूनिट संचालित कराई गई है.

जिला अस्पताल में संचालित इस तीन बेड की यूनिट में अब तक 140 मरीजों ने रजिस्ट्रेशन (Registration) कराया है, जो महीने में चार चरणों में अपने खून को फिल्टर (Filter) कराने जिला अस्पताल में पहुँच रहे है. सप्ताह में तीन दिन की अवधि लेकर डायलिसिस (Dialysis) का एक चरण पूरा किया जाता है. नाम न छापने की शर्त में मरीज बताते है कि, अब तक उन्हें डायलिसिस के लिए महीने में तीस हजार रुपये तक खर्च करने पड़ते थे.

एक रुपये के पर्चे पर मिलेगी निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा

जिला अस्पताल में खुली इस यूनिट में डायलिसिस (Dialysis) सिर्फ एक रुपये के पर्चे में की जाती है. डायलिसिस कराने वाले मरीज को चिकित्सक की सलाह पर यहां के प्रभारी डा. एन के सक्सेना (N.K. Saxena) द्वारा डायलिसिस की अनुमति दी जाती है, जिसके बाद नंबर लगाकर मरीज को डायलिसिस के लिए बुलाया जाता है.

इस तरह होती है डायलिसिस

जो रोगी डायलिसिस पर हैं, उन्हें महीने में चार चरण की डायलिसिस करानी होती है. एक चरण में तीन दिन का समय 24-24 घंटे के अंतर में लगता है. यह यूनिट सुबह छह बजे से शाम आठ बजे तक खुलती है. एक बेड में पूरे दिन में तीन मरीजों की डायलिसिस हो पाती है. एक चरण पूरा होने पर मरीज को अगले सप्ताह बुलाया जाता है.

जल्द ही और बेड बढ़ाए जायेंगे

सीएमएस (CMS) डा. आर एम गुप्ता (Dr. RM Gupta) ने बताया कि, फिलहाल अस्पताल में तीन बेड संचालित किए जाते हैं. मरीजों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है. अब तक कौशांबी, व रायबरेली जिले की लालगंज तहसील के गांवों के मरीज भी यहां आ रहे हैं. जल्द ही यहां दो बेड और बढ़ाकर संख्या पांच की जाएगी.

लेख – टीम वाच इंडिया नाउ

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