Fatehpur : लापरवाही कहे या भूल पर जो एक मासूम के साथ हुआ वो घोर लापरवाही का उदहारण है. हथगाम ब्लाक के महरूपुर प्राथमिक विद्यालय में पांच साल की बच्ची को कमरे के अंदर बंद कर शिक्षक व बाकी के बच्चे छुट्टी कर चले गए. बच्ची रोती-चिल्लाती रही, लेकिन वहां कोई सुनने वाला नहीं था. बच्ची के घर न पहुंचने पर स्वजन खोजबीन करते हुए चार घंटे बाद स्कूल की तरफ गए तो आवाज सुनकर बच्ची तेजी से रो पड़ी. बच्ची की आवाज सुनकर आनन-फानन स्कूल की चाबी मंगाकर ताला खोला गया. बच्ची को देख मां उसे लिपटकर रोई तो सभी की आंखें नम हो गई. तभी मां बोल पड़ी कि, बचिगै बिटिया की जान.
अमिलिहापाल (Amilihapal) के मजरे महरूपुरगांव के रहने वाले एक व्यक्ति पांच वर्षीय पुत्री शुक्रवार को स्कूल आई थी. दोपहर दो बजे छुट्टी के बाद सभी बच्चे अपने घर पहुंच गए, लेकिन वह घर नहीं गई. अचानक बच्ची के लापता होने से परिवार बेचैन हो उठा. स्कूल के रास्ते में पड़ने वाले सभी कुआं, तालाब देखे गए. चाचा, पिता व मोहल्ले के तमाम लोग लापता बच्ची की खोजबीन में जुट गए.
लापता बच्ची के चाचा शाम करीब पांच बजे स्कूल के नजदीक पहुंचे, तब उन्हें किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी. कक्षा के अंदर बच्ची के मौजूद होने पर स्वजन ने राहत की सांस ली. रसोइया ने चाबी देने पर स्वजन ने यूपी 112 को सूचित किया. पुलिस ने ताला खुलवाकर शाम छह बजे बच्ची को बाहर निकाला.
आंगनबाड़ी में पढ़ती है बच्ची
प्रधानाध्यापिका आरती ओमर (Arti Omar) पूरे प्रकरण में बताया कि, बच्ची उनके विद्यालय में नहीं पढ़ती है. बगल में ही सटी बिल्डिंग में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होता है. वह कब और कैसे वह कक्षा के अंदर आ गई, उन्हें जानकारी नहीं हुई. कमरा भी आंगनबाड़ी सहायिका छाया देवी ने बंद किया था.
जानबूझकर बंद किया गया ताला
बच्ची के पिता का कहना था परिषदीय विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापिका ने जानबूझकर ऐसा किया है. पूर्व में इनकी शिकायत की जा चुकी है. एक बार पुन: अधिकारियों को इस संबंध में शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की जाएगी.
उधर बीईओ विश्वनाथ पाठक (BEO Vishwanath Pathak) ने कहा कि, इस लापरवाही पर प्रधानाध्यापिका के खिलाफ नोटिस (Notice) जारी की गई है. मामले की जांच कराकर दोषी पर कार्रवाई की जाएगी.
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ