New Delhi : भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के वैज्ञानिकों की स्टडी से लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं. रिसर्च में दावा किया गया है कि ओमिक्रॉन (Omicron) से रिकवर होने के बाद जो एंटीबॉडी विकसित होती है, वह कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के साथ अन्य COVID-19 वैरिएंट के खिलाफ भी कार्य करती है.

आपको बता दें कि, कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variants) को पिछले डेल्टा वैरिएंट (Delta Variants) से कम घातक माना जा रहा है और एक्सपर्ट का कहना है कि डेल्टा वैरवैरिएंट के मुकाबले ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित लोगों में हॉस्पिटिल में भर्ती होने और मृत्यु का जोखिम 50 से 70 प्रतिशत तक कम है.

संक्रमण की संभावना होगी कम

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के वैज्ञानिक प्रज्ञा डी यादव, गजानन एन सपकाल, रीमा आर सहाय और प्रिया अब्राहम द्वारा की गई रिसर्च के मुताबिक, ओमिक्रॉन से संक्रमित लोगों में काफी अच्छा इम्यून रिस्पांस देखने को मिला है, जो कि डेल्टा के साथ कोरोना के बाकि वैरिएंट को बेअसर कर सकता है. इससे वापस से डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित होने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है. ओमिक्रॉन से विकसित हुई एंटीबॉडीज कोरोना के अन्य वैरिएंट पर भी काफी असरदार हैं.

प्लास्टिक और त्वचा पर अधिक देर जीवित रहता है ओमिक्रॉन

जापान में क्योटो प्रीफेक्चुरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के रिसर्चर्स के मुताबिक, कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट प्लास्टिक और त्वचा पर 193 घंटे तक जीवित रह ससकता है. इसके अलावा कोरोना के ओरिजिनल वैरिएंट के जिंदा रहने का समय 56 घंटे, अल्फा का 191 घंटे, बीटा का 156 घंटे, गामा का 59 घंटे और डेल्टा वैरिएंट का 114 घंटे था अगर त्वचा की बात करें तो कोरोना का ओरिजनल वैरिएंट 8 घंटे, अल्फा 19.6 घंटे, बीटा 19.1 घंटे, गामा 11 घंटे, डेल्टा 16.8 घंटे और ओमिक्रॉन 21.1 घंटे जीवित रह सकता है.

लेख – टीम वाच इंडिया नाउ