Fatehpur : एक तरफ जहाँ देश व प्रदेश की सरकार गरीब जनता को प्रधानमंत्री आवास के नाम पर पक्का आशियाना मुहैया कराकर उन्हें हर सम्भव लाभ देने की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ इस योजना को अमलीजामा पहनाने में लगे अधिकारी व कर्मचारियों की लापरवाही से इस पर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा, क्योंकि मुफ्त में मिलने वाली आवास के लिए भोली-भाली जनता से जमकर धन उगाही की जा रही है.

20 हज़ार रुपये प्रति आवास धन उगाही का लगाया आरोप

मामला यूपी के फतेहपुर जिले के विकास खण्ड भिटौरा के ग्राम पंचायत लालीपुर का है. जहाँ पर प्रधानमंत्री आवास चयन में जमकर धन उगाही करने की बात सामने आ रही है. इस गाँव के निवासी किशन की पत्नी रानी देवी ने प्रधान मनोरमा, प्रधान पति रितेश तिवारी व पंचायत सचिव सत्येंद्र कुमार पर आरोप लगाते हुए गुरुवार को शिकायती पत्र देकर डीएम (DM) से जाँच की माँग की है. वहीं, प्रधानमंत्री आवास योजना में उक्त लोगों पर प्रति आवास 20 हज़ार रुपये धन उगाही का आरोप लगाया.

जेवरात गिरवी रखकर दिए रुपये

पीड़िता ने दिए शिकायती पत्र में बताया कि, आवास देने के नाम पर प्रधान, प्रधान पति व सचिव ने उससे रुपयों की मांग की. जब पीड़िता ने रुपये देने में असमर्थता जताई तो आवास की सूची से नाम काट देने की धमकी तक दे डाली। इस पर मजबूर पीड़िता ने बताया कि, उसने अपने जेवरात गिरवी रखकर उक्त लोगों को 19 हज़ार रुपये दे दिए, जबकि महिला को अभी तक न आवास मिला और न ही रुपये वापस किये गए.

बिना सुविधा शुल्क के नही मिलेगा आवास

प्रधान और सचिव मनमानी का अंदाज़ा आप इसी से लगा सकते है कि, जिनका सुविधा शुल्क मिलता है उन्ही का नाम आवास की सूची में अंकित किया जाता है. जो रुपये नही दे पाता है उसका नाम सूची से काट देने की धमकी या वेटिंग लिस्ट में है कहकर टाल दिया जाता है. इस गाँव के आवास की सूची में पात्रता की सत्यता इसी से लगा सकते है कि, गरीब भोली-भाली जनता को बिना सुविधा शुल्क आवास न देते हुए अधिकारियों सहित खुद की जेबें गर्म करते हैं.

डीएम से लगाई न्याय की गुहार

फिलहाल पीड़िता ने न्याय की आस में सक्षम जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर जांच की माँग की है. अब देखना यह है, कि मामले में जाँचकर ठोस कार्यवाही होती है या फिर खानापूर्ति करके ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है.

लेख – टीम वाच इंडिया नाउ