Fatehpur : जनपद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों की दशा और दिशा बदलने के लिए भले ही शासन की ओर से आपरेशन कायाकल्प योजना संचालित है, इसके बाद भी समस्याएं कम नहीं हैं. किसी प्राथमिक विद्यालय में बाउंड्री न होने से ग्रामीणों ने मवेशियों का अड्डा बना लिया है तो कहीं पर पेयजल के लिए बच्चों को खासी दूरी नापनी पड़ रही है.

जिले के 2128 परिषदीय विद्यालयों में अव्यवस्थाओं की लंबी कहानी है. इन समस्याओं के बीच में पढ़ने वाले छात्र, छात्राएं हैं तो विद्यालयों के जिम्मेदार भी खुद को असहज महसूस कर रहे हैं, इसके बाद लिखा पढ़ी करके समस्या के हल की गुहार लगा चुके हैं. नगर क्षेत्र के 65 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल आपरेशन कायाकल्प से दूर रहे हैं.

आइए आपको बताते है ऐसे ही कुछ अव्यवस्थित विद्यालयों के बारे में-

  • प्राथमिक विद्यालय गंगईपार

बहुआ ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय गंगईपार में पठन-पाठन में छात्र-छात्राएं व्यस्त दिखे. वहीं, ग्राम निधि से कराए गए टाइलीकरण की गुणवत्ता के चलते यह टूटी नजर आई. टूटी हुई टाइल्स के चलते विद्यार्थियों को चोट लगने का खतरा मंडरा रहा है.

  • प्राथमिक विद्यालय, रतनतारा

असोथर ब्लाक के रतनतारा गांव के सरकारी स्कूल में बाउंड्रीवाल न होने के चलते गंदगी का अंबार मिला. तैनात शिक्षकों ने बताया कि, बरसात के दिनों सहित आम दिनों में गोबर की सड़ांध ने जीना मुहाल कर दिया है, न तो बाउंड्रीवाल बन पाया है और न ही मवेशियों को हटाने के लिए कदम बढ़ाए गए है.

  • प्राथमिक विद्यालय कपरिया ऊसर

देवमई ब्लाक के कपरिया ऊसर के प्राथमिक विद्यालय में पेयजल का संकट दिखा. विद्यालय में दाखिल होते ही बच्चे बोतल लेकर बाहर से पानी लेने जाते दिखे. कैंपस में समुचित सफाई की व्यवस्था भी नहीं दिखी, बिना किताबों के बच्चों का पठन-पाठन होता दिखा. प्रधानाध्यापक ने बताया कि, पेयजल के लिए प्रधान और सचिव को पत्र लिखा गया है.

  • प्राथमिक विद्यालय, अकबरपुर बडवा

हसवा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय अकबरपुर बडवा में एक बजे पड़ताल के दौरान देखने को मिला कि, यहां पर प्रधानाध्यापक रोशन सिंह (Roshan Singh) और दो सहायक अध्यापक उपस्थित मिले. कुल 55 में 15 छात्र-छात्रां ही मिले. जिम्मेदारों ने गर्मी अधिक होने से अभिभावक ही नहीं भेजते हैं. विद्यालय परिसर में लगा हैंडपंप खराब होने की वजह से बच्चे, 100 मीटर दूर से पानी लेकर काम चलाते हैं.

  • प्राथमिक विद्यालय, कोडारवर

ऐरायां ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय कोडारवर में दोपहर 12 बजे बच्चों का शोरगुल सुनाई पड़ा. तीसरी कक्षा में कुछ बच्चे बिना ड्रेस के बैठे मिले। कई बच्चों के पैरों में जूता-मोजा भी नहीं थे. कुछ देर बाद बच्चे मध्याह्न भोजन खाने में जुट गए. बच्चों के हाथ में न किताबें थी और न ही ड्रेस थी.

  • प्राथमिक विद्यालय कुम्हारन का डेरा

विजयीपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय कुम्हारन का डेरा में सुबह 10 बजे के हालात बहुत अच्छे नहीं थे. बच्चे इधर-उधर टहलते मिले. बच्चों ने बताया कि, इज्जतघर न होने से टायलेट व नित्यक्रिया के लिए बाहर जाना पड़ता है. प्रधानाध्यापक इज्जतघर अधूरा है. कई बार पूर्व प्रधान से कहा गया था उन्होने कोई सुनवाई नहीं की.

विद्यालयों को अर्श से फर्श तक पहुंचाने के लिए आपरेशन कायाकल्प ने अच्छा फलसफा लिखा है. इसके अलावा जो विद्यालय अछूते हैं उनकी सूची बनाकर डीएम (DM) के माध्यम से डीपीआरओ (DPRO) को भेजी गई है. ड्रेस, किताबों का वितरण शासन से मिलते ही कराया जाएगा. साफ-सफाई के निर्देश दिए गए हैं. जहां पर गड़बड़ी पाई जाएगी, उन पर कार्रवाई भी होगी.
संजय कुमार कुशवाहा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

लेख – टीम वाच इंडिया नाउ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *