Fatehpur : फतेहपुर जिले में अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग होम व दवाखानों में हो रही लापरवाही के चलते रोज न जाने कितनी जानें जाती है. प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी इनकी मनमानी पर लगाम नहीं लग रही है. मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) ने अब अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम व क्लीनिकों के खिलाफ धरपकड़ अभियान शुरू किया है. गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हथगाम में खुले सभी प्राइवेट क्लीनिक और अस्पतालों पहुंचकर उनकी जाँच की. जिसमे से मानकविहीन मिलने पर एक क्लीनिक को सीज कर संचालक को पुलिस को सौंप दिया, इसके साथ ही चार प्राइवेट अस्पताल संचालकों को नोटिस देकर दो दिन के अंदर कागजात दिखाने के निर्देश दिए है.

जानकारी के अनुसार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजेंद्र सिंह (Dr. Rajendra Singh) के निर्देश पर डा. राकेश, डा. रमेश चंद्र एवं डा. विश्वेंद्र योगी की संयुक्त टीम ने विश्वास क्लीनिक में छापेमारी करते हुए संचालक से दस्तावेज मांगे. अनुमति व आवश्यक कागजात न दिखा पाने पर क्लीनिक सीज करते हुए संचालक डा. बंगाली को पुलिस के हवाले कर दिया.

तेजमति हास्पिटल, फैमिली क्लीनिक, विनायक हास्पिटल तथा लाइफ लाइन हास्पिटल की जांच करते हुए टीम सदस्यों ने संचालकों को दो दिन के अंदर मानक से संबंधित जरूरी कागजात दिखाने के निर्देश दिए. मानक सम्बन्धी कागज सीएचसी के स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी सतीश चंद्र (Satish Chandra) के समक्ष प्रस्तुत करना होगा. टीम के सदस्यों ने कहा यदि बिना मानक अस्पताल संचालित हो रहे हैं तो उन्हें सीज कर संचालकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी. अस्पताल में बेड की संख्या, एंबुलेंस की उपलब्धता, आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित आपरेशन कक्ष, प्रसव कक्ष, जनरल वार्ड आदि पर भी नजर दौड़ायी. चौबीस घंटे इमरजेंसी के नाम पर कितने चिकित्सक रहते हैं, इसकी जानकारी भी ली गई है.

सीएमओ राजेंद्र सिंह ने बताया कि, जिले भर में बिना अनुमति के चलने वाले अस्पतालों को बंद कराने का अभियान शुरू किया गया है. जो अस्पताल अनुमति लेकर संचालित हैं उन्हें भी मानक पूरे करने होंगे. बिना मानक वाले क्लीनिक और अस्पताल अब चलने नहीं दिए जाएंगे.

लेख – टीम वाच इंडिया नाउ

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