Fatehpur : फतेहपुर के खागा (Khaga) कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में दशहरा के दिन लापता हुई तीन वर्षीय मासूम ने दुष्कर्म के दौरान ही दम तोड़ दिया था. घटना के बारे में पता चलने पर लोगों ने आरोपी को पुलिस के हाथों सौंपा था. दरिंदगी भरे इस कुकर्म के मामले में आरोपी को 50 हज़ार का अर्थदंड भी देना होगा पॉक्सो कोर्ट (Pocso Court) ने 70 दिनों के अंदर फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. यह एक ऐतिहासिक फैसला साबित हुआ है. पॉक्सो अदालत के विशेष न्यायाधीश मोहम्मद अहमद खान (Mo. Ahmad Khan) ने दोनों पक्ष को सुनने के बाद दोषी अभियुक्त दिनेश पासवान (Dinesh Paswan) को फांसी की सजा और अर्थदंड सुनाया, जिसमे से अर्थदंड की राशि में से आधी राशि पीड़ित परिवार को देने का भी आदेश दिया है.
विशेष लोक अभियोजक सहदेव गुप्ता (Sahdev Gupta) ने बताया कि उन्होंने अभियुक्त दिनेश के लिए फांसी की सजा की अपील की थी. घटना 15 अक्टूबर की थी,अदालत में 22 अक्टूबर को आरोप पत्र पेश होने के बाद सुनवाई शुरू हुई. सुनवाई के बाद मात्र 70 दिन में मामले में सजा सुनाई गई.
मूलरूप से खखरेड़ू थाने के गांव में रहने वाला युवक कानपुर (Kanpur) शहर में रहकर मजदूरी करता है, उसकी तीन (3) वर्षीय बेटी ननिहाल खागा कोतवाली क्षेत्र के गांव में बीते एक साल से रह रही थी. दशहरा की दोपहर से लापता हुयी थी.
देर शाम को पड़ोसी के कमरे की तलाशी लेने पर बच्ची का खून से भरा शव कपड़ों के बीच छिपा मिला था.
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ