New delhi : इन दिनों Twitter पर अचानक तेज़ी से फॉलोअर कम होने की सूचना मिल रही है. यूजर Twitter सीईओ (CEO) पराग अग्रवाल (Prag agrawal) को टैग करके वजह पूछ रहे हैं. हालांकि अब फॉलोअर संख्या कम होने की वजह पता चल गयी है. दरअसल ट्रोल फर्म की एक बड़ी इंडस्ट्री है, जिसे सॉफ्टवेयर की मदद से हैंडल किया जाता है, इसे बोट (Bots) के नाम से जाना जाता है.
साधारण शब्दों में कहें, तो यह एक तरह के फेक अकाउंट होते हैं. ऐसी सूचना है कि इन्हीं बोट अकाउंट को ट्वीटर की तरफ से बंद कर दिया गया है, जिसकी वजह से लोगों के फॉलोअर की संख्या में कमी हो रही है.
Twitter के प्रवक्ता के मुताबिक़ ट्वीटर ने ग्लोबली स्पैमी, दुर्भावनापूर्ण एकाउंट को हटाने का काम किया है. ट्विटर नियमित रूप से ऐसे एकाउंट को हटाता रहता है. निष्क्रिय खाते को हटाना यह दर्शाता है कि लोग भरोसा कर सकें कि वे ट्विटर पर जो देखते हैं वह हमारी सेवा की वास्तविक समय की प्रकृति को दर्शाता है.”
Twitter ने साफ किया है कि उसकी तरफ से “स्टेट बैंक्ड इन्फॉर्मेंशन ऑपरेशन” को कट किया गया है. हालांकि इस कार्रवाई में भारत की बॉट इंडस्ट्री शामिल नहीं था. इसमें मैक्सिको, चीन, रूस, तंजानिया, उगांडा और वेनेजुएला जैसे देश शामिल हैं. बता दें कि ट्वीटर ने अक्टूबर 2018 में 17 देशों में फैले गलत फर्जी ट्वीटर हैंडल की पहचान की थी, जिनसे 200 मिलियन से ज्यादा ट्वीट और करीब 9 मिलियल टेराबाइट मीडिया को शेयर किया है. वही बीते गुरुवार को कंपनी ने 3,465 अकाउंट की पहचान की है, जो स्टेट लिंक्ड इन्फॉर्मेशन ऑपरेशन से जुड़े हैं.
जान लीजिए क्या होते हैं बोट
बोट को इंसानी काम-काज को आसान बनाने के लिए बनाया जाता है. यह ऑटोमिटेक मशीन की तरह होते हैं, जिन्हें सॉफ्टवेयर की मदद से किसी खास उद्देश्य के लिए तैयार किया जाता है. इसी तरह ट्वीटर बोट भी होते हैं, जिसे ट्वीटर फॉओवर और किसी ट्वीट को मैसेज करने और रिप्लाई करने के लिए तैयार किया जाता है. यह ऐसा सिस्टम है जिसे बड़ी कंपनियां या काफी राजनीतिक पार्टियां अपना आईटी सेल चलाने के लिए भी इस्तेमाल करती हैं. ट्विटर बोट उस अकाउंट को कहा जाता है जो ट्विटर पर एक अकाउंट तो गिना जा रहा है लेकिन उसे चलाने वाला कोई व्यक्ति नहीं है बल्कि यह ऑटोमेटिक काम करता है.
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ