Lakhimpur Kheri: यूपी के लखीमपुर खीरी में नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा एक और विनियमन विरोध के रूप में शुरू हुआ, एक वाहन द्वारा भीड़ में कथित रूप से गिर जाने के बाद दिन पर दिन आंदोलन बदसूरत होता जा रहा है.
आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की कार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद दिया, जिससे 4 की मौत हो गई. वहीं, इसके बाद भड़की हिंसा में 4 लोग और मारे गए. इस पूरे बवाल के बाद सियासत तेजी से गरमा गई है. इस मामले में पुलिस ने अजय मिश्र टेनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. साथ ही उनके बेटे को भी आरोपी बनाया गया है. केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे के खिलाफ 6 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
कैसे हुआ यह पूरा विवाद
लखीमपुरखीरी जिले में डिप्टी सीएम केशव मौर्य के आने की सूचना पर किसान तिकुनिया में पहुंचे थे. जहां किसानों ने महाराजा अग्रसेन खेल मैदान में बने हेलीपैड स्थल पर कब्जा कर लिया. गुस्साए किसानों ने डिप्टी सीएम के स्वागत में यहां लगे होर्डिंग को उखाड़ कर फेंक दिया और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. किसानों के विरोध के चलते ही डिप्टी सीएम का कार्यक्रम आनन-फानन में बदल दिया गया और सुबह 9:30 बजे वह लखनऊ से सड़क मार्ग से चलकर दोपहर 12:00 बजे लखीमपुर खीरी पहुंचे थे . डिप्टी सीएम के आने की सूचना पर बाइक और चार पहिया वाहनों से हजारों की संख्या में किसान वहां पहुंच गए और टेंट लगाकर विरोध में भाषण बाजी शुरू कर दी. किसानों की भारी भीड़ को संभालने में पुलिस के पसीने छूट गए. आसपास के थानों की पुलिस फोर्स भी वहां पहले से लगाई गई थी. डिप्टी सीएम के हेलीपैड के पास किसानों का प्रदर्शन चल ही रहा था तभी उसी दौरान वहां से गुजर रहे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के काफिले में शामिल गाड़ी से धक्का लगने से कुछ किसान गंभीर रूप से जख्मी हो गए. जिसमे दो की मौत हो गई. इस घटना के बाद किसानों का गुस्सा फूट पड़ा किसानों ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को अखिमपुर खीरी लाइव: पुलिस ने लखनऊ में उनके आवास के बाहर से गिरफ्तार किया, जहां उन्होंने लखीमपुर खीरी जिले का दौरा करने से रोकने के बाद धरना दिया, जहां रविवार को चार किसानों सहित आठ की मौत हो गई.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को रविवार तड़के उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिरासत में ले लिया, क्योंकि वह पिछले दिन कृषि विरोधी कानूनों के विरोध के दौरान हुई हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों से मिलने जा रही थीं. “आज की घटना से पता चलता है कि यह सरकार किसानों को कुचलने के लिए राजनीति का इस्तेमाल कर रही है. यह किसानों का देश है, बीजेपी का नहीं… पीड़ितों के परिजनों से मिलने का फैसला करके मैं कोई अपराध नहीं कर रहा… आप हमें क्यों रोक रहे हैं? आपके पास वारंट होना चाहिए, ”कांग्रेस नेता ने कहा.