Fatehpur : फतेहपुर में साउथ सिटी के देवीगंज वार्ड की हालत 20 साल बाद भी नहीं सुधर सकी है. विकास के नाम पर चंद गलियों को सीसी रोड में बदलने के सिवा कुछ भी पालिका के पास गिनाने को नहीं है. गली के अंदर की जल निकासी बुरी तरह से कराह रही है. रात का अंधेरा दूर करने के लिए प्रकाश व्यवस्था औंधे मुंह गिरी पड़ी है. मुख्य सड़कों में कूड़ा डंपिग प्वाइंट तक पक्के नहीं हो पाए हैं. बुलडोजर से कूड़ा उठान के चलते यह जगह गड्ढों में तब्दील हो गई हैं. जलजमाव से लोग परेशान हैं. अर्से से समस्याओं से लोग जूझ रहे हैं, छुटकारा न मिलने से लोग पालिका प्रशासन से खासे खफा हैं. ऐसे में लोग कहते दिख रहे हैं कि कागजों पर विकास है, लेकिन हकीकत में बस ‘आस’ है.

सदर पालिका दो भागों में बंटी है. इसमें साउथ सिटी में पालिका की आधी आबादी रहती है. विकास के नाम पर यह इलाका छला जाता रहा है. विकास योजनाओं की झलक साउथ सिटी पर नहीं पड़ पाती है, जिसके चलते समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. शहर को साफ, विकास के खाके में फिट कराकर सुंदर बनाने, स्वच्छता अभियान सब कागजी हिस्सा बन कर रह गए हैं. स्थानीय जनता को यह योजनाएं चिढ़ा रही हैं. देवीगंज, गंगानगर, इसाइनपुरवा, नीम भवानी आदि इलाके समस्याओं से जकड़े हुए हैं. शाम ढलने के बाद मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक लगी स्ट्रीट लाइट में 50 फीसद लाइटें बुझी दिखाई देती हैं. नालियों और नालों में जमा सिल्ट और उगी घास इस बात की गवाही दे रही है कि पालिका का सफाई से नाता नहीं रहा है. पुरानी कचहरी रोड, ओवरब्रिज की सर्विस लेन भी बदहाल हैं. इसाइनपुरवा में आम दिनों मे पानी उतराता मिल जाएगा. चर्च के सामने बना कूड़ा डंपिग प्वाइंट बरसात में तालाब बन जाता है.

वार्ड पर एक नजर

वार्ड : देवीगंज
मुहल्ला : देवीगंज
आबादी : 6076
प्रमुख समस्याएं : बदहाल सफाई और जल निकासी, बेपटरी प्रकाश व्यवस्था, कच्चे और टूटे नाले, जर्जर सड़कें आदि।

समस्या से आए दिन जूझते हैं छात्र

देवीगंज मुहल्ले में सदाशिव इंटर कालेज, रामा अग्रहरि बालिका विद्यालय, रामा अग्रहरि डिग्री कालेज, श्याम पब्लिक स्कूल, मां चंदरानी बालिका इंटर कालेज, सरस्वती बाल मंदिर, प्रिस विद्या मंदिर जैसे तमाम नामीगिरामी स्कूल संचालित हैं. इन तमाम समस्याओं से छात्र और छात्राएं जूझते रहते हैं.

प्रमुख बाजार, प्राइवेट वाहन अड्डे होते संचालित

देवीगंज बाजार खरीदारी के लिए खासा मुफीद है. शहर से लेकर गांव तक के लोग खरीदारी के लिए आते हैं. इसके अलावा बहुआ, गाजीपुर, असोथर, बांदा, विजयीपुर, ललौली आदि के लिए प्राइवेट वाहनों के अड्डे हैं. लोगों की खासी भीड़ प्रतिदिन जुटती है जो कि समस्याओं से जूझती रहती है.

विकास के नाम पर मिला सिर्फ झुनझुना

नगर पालिका के विकास के मानक से देवीगंज वासी कतई सहमत नहीं हैं. विकास के नाम पर साउथ सिटी को झुनझुना थमाने का काम किया जा रहा है. किसी भी मुद्दे पर पालिका मिसाल नहीं गिना पाएगी।

सरदार रिकू सिंह ने कहा – बिजली, पानी, सड़क, सफाई, विकास जनता की मूलभूत जरूरत हैं. सालों साल से यह समस्याएं और बढ़ती जा रही हैं. जनता आवाज उठाती है तो उसको दबाने का प्रयास होता है. खुद संज्ञान नहीं लिया जाता है.

सरदार सेठी सिंह – देवीगंज मुहल्ले में रहने वालों के साथ पालिका ने अन्याय करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. मुख्य कूड़ा डंपिग प्वाइंट तक कच्चा पड़ा है, पालिका के द्वारा नाला तक नहीं बनवाया हुआ है. ऐसे में जनता का गुस्सा लाजिमी बन जाता है.

रोहित रस्तोगी – नगर पालिका की कार्यशैली पक्षपात पूर्ण है. विकास के नाम पर आधी आबादी में दस प्रतिशत खर्च नहीं किया जाता है तो समस्याएं कहां से हटेंगी. 20 वर्ष से जनप्रतिनिधि भी छलावा कर रहे हैं.

नगर का विकास पालिका बोर्ड में लिए जाने वाले निर्णयों के आधार पर होता है. पालिका का सदन जिन कामों के प्रस्ताव पास करती है. उन्हें मूर्त रूप दिया जाता है. सफाई प्रकाश आदि व्यवस्था की जांच करवाकर समस्याएं दुरुस्त करवाई जाएंगी.
मीरा सिंह, अधिशासी अधिकारी सदर पालिका

लेख – टीम वाच इंडिया नाउ

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