Fatehpur : शहर को स्वच्छ रखने का सपना फाइलों तक ही सीमित दिख रहा है. मोहल्लों की गलियों का बुरा हाल है. चोक नालियां बजबजा कर उफना रही हैं तो खाली प्लाट कूड़ा डंपिग प्वाइंट बन कर रह गए हैं. सदर पालिका के 34 वार्डों में जहां मुख्य सड़कें चकाचक दिख रही हैं वहीं, गलियां बुरी तरह से गंदगी से कराह रही हैं. गंदगी के चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं.
लोगों का साफ कहना है कि, मुख्य सड़कों में दिखाई देने वाले सफाई कर्मी बुलाने पर भी नहीं आते हैं. शहर के रानी कालोनी में उफना रहा गंदा पानी लोगों को परेशानी में डाले हुए हैं तो आवास विकास कालोनी जैसे पाश इलाकों में खाली पड़े प्लाटों में कूड़े का अंबार लगा हुआ है. यही हाल तुराब अली पुरवा, कलक्टरगंज, अमरजई, गढ़ीवा, रेडइया, कलक्टरगंज, शादीपुर, इस्माइल गंज आदि मोहल्लों का है. यहां पर रहने वालों लोगों में पालिका प्रशासन के प्रति गहरा आक्रोश है.
लोगों का साफ कहना है कि, जिम्मेदार मोहल्लों में झांकने तक नहीं आते हैं. जहाँ स्वच्छ भारत मिशन पर जोर ददेने के साथ सफाई के बड़े बड़े दावे किए जा रहे हैं जबकि धरातल पर उल्टा ही कहानी बयान हो रही है. पालिका में शिकायतों को भी तवज्जो नहीं दी जा रही है.
टैक्स देने के बाद भी नहीं होती सफाई
नगर पालिका में भले ही सफाई कर्मियों और संसाधनों की फौज हो, लेकिन मोहल्लों की गंदगी हटाने के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं.
केशभान सिंह (Keshbahan Singh)
मुख्य सड़कों को साफ किया जाता है कारण कि, अफसरों की निगाह पड़ती है. गलियों में न किसी को आना है और न ही मानीटरिग की जा रही है.
ध्यान सिंह (Dhyan Singh)
पालिका के जिम्मेदारों की वजह से स्वच्छ भारत मिशन को शहर में गहरा धक्का लगा है. असल में कागजी खेल करके सफाई दिखाई जा रही है.
विनोद सिंह चंदेल (Vinod Singh Chandel)
नगर पालिका को शहरी टैक्स देते हैं, सफाई मिलना उनका अधिकार है. इसके बावजूद पालिका में अधिशासी अधिकारी सहित जिम्मेदार मौन साधे हुए हैं.
नगर पालिका अधिशासी अधिकारी, मीरा सिंह (Meera Singh) ने कहा-
वीरेंद्र सिंह पटेल (Virendra Singh Patel) सफाई में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. रूटीन तरीके से एक एक मोहल्ले को चेक करवाया जाएगा. जहां पर दिक्कत मिलेगी उस क्षेत्र के सफाई नायक को तलब किया जाएगा. किसी भी दशा में सफाई से लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ