उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के एक पुलिस(Police) स्टेशन में एक व्यक्ति अपने गले में तख्ती लटकाए हुए आया, जिसमें लिखा था, “मुझे संभल पुलिस से डर लगता है। मैं अपनी गलतियों को स्वीकार करता हूं। मैं आत्मसमर्पण कर रहा हूं। कृपया गोली मत चलाइए।” यह घटना नखासा पुलिस स्टेशन में रविवार को घटित हुई। 15 हजार इनामी नईम, जिस पर गैंगस्टर्स एक्ट(Gangster Act) के तहत मामला दर्ज किया गया था, उसने आत्मसमर्पण(Surrender) करने के दौरान तख्ती के माध्यम से यह सुनिश्चित किया कि उसे मुठभेड़ में न मारा जाए।
स्टेशन हाउस के अधिकारी धर्मपाल सिंह(Dharampal Singh) ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि एक अपराधी ने पुलिस के सामने दया करने के अनुरोध के साथ आत्मसमर्पण किया है। अमरोहा और कानपुर में अपराधियों ने इसी तरह आत्मसमर्पण किया है।
यहां तक कि तीनों अवसरों पर अपराधी अपने साथ स्थानीय मीडिया के लोगों को ‘उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने’ के लिए साथ लाए। कानपुर में बिकरू घटना के बाद अपराधी मीडिया और तख्ती की रणनीति अपना रहे हैं। गौरतलब है कि बिकरू कांड में अपराधी विकास दुबे(Vikas Dubey) और उसके गिरोह के छह सदस्यों को मुठभेड़ों में मार गिराया गया है।
Source: IANS