Fatehpur । जरूरतमंदों के लिए शुरू की गई योजना का अपात्रों ने भी खूब लाभ उठाया. मुफ्त राशन लेने की लाइन में वह भी लगे जिन्होंने सरकार क्रय केंद्र में तीन लाख या इससे ज्यादा का अनाज बेचा. मामला शासन के कानों तक पहुंचा तो जांच बैठा दी गई.
जिले में ऐसे 1764 लोग सामने आए हैं, जिन्होंने मुफ्त राशन भी लिया और सरकारी क्रय केंद्रों में अपना अनाज भी बेचा. नगर निकायों और ब्लाक क्षेत्रों के ऐसे अपात्रों के राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं और यह पता लगाया जा रहा है कि इन्होंने गरीबों के हक में कितनी सेंधमारी की.
शासन ने अप्रैल 2020 से निशुल्क राशन वितरण शुरू कराया था. पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को प्रति यूनिट तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल हर माह दिया गया. शासन से मुफ्त अनाज लेने के लिए पात्र तो कतार में लगे ही साथ ही वह लोग भी इनमें शामिल हो गए जो सरकार क्रय केंद्र में अनाज बेच रहे थे. इन लोगों ने फर्जी आय प्रमाणपत्र की मदद से पात्र गृहस्थी के कार्ड बनवाए थे.
शासन के निर्देश पर हुई जांच में यह बात सामने आई कि 1764 अपात्रों ने मुफ्त राशन का लाभ लिया. आधार कार्ड की मदद से यह बात सामने आई कि इन लोगों ने सरकार क्रय केंद्रों में तीन लाख और इससे अधिक का अनाज भी बेचा.
प्रति कार्ड धारक ने यदि तीन लाख रुपये का अनाज भी बेचा तो 1764 लोगों के हिसाब से कुल धनराशि 52 करोड़ 93 लाख रुपये होती है. अपात्र मिले 1764 कार्डधारकों में नगरीय क्षेत्र के 111 और ग्रामीण क्षेत्र के 1653 हैं. फर्जीवाड़े में शामिल आरोपियों के पात्र गृहस्थी राशन कार्ड विभाग ने निरस्त कर दिए हैं.
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ
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