- पासआउट बच्चों की उम्र कम करके दोबारा किया एडमिशन
- फर्जी नामांकन संख्या बढ़ाकर सरकारी सुविधाओं का किया दुरूपयोग
- बच्चों का मिड-डे-मिल, निःशुल्क यूनीफार्म, बैग, स्वेटर व जूता मोजा वितरण में मनमाानी का आरोप
- प्रतिवर्ष मिलने वाले सरकारी अनुदान को विद्यालय कार्यों में न लगाकर फर्जी तरीके से गबन करने का आरोप
- अभिभावकों के विरोध करने पर दिया जान से मारने की धमकी
- डीएम से मिलकर अभिभावकों ने दिया शिकायती पत्र
Fatehpur : यूपी के फतेहपुर जनपद में प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक(उमाशंकर गुप्ता) के ऊपर गबन के गंभीर आरोप लगे हैं. यह आरोप स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने लगाए हैं. विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने बच्चों की उम्र कम करके और नाम बदलकर उन्हीं कक्षाओं में दोबारा एडमिशन कर लिया. एडमिशन करने के बाद बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं का दुरूपयोग किया. इसकी जानकारी जब बच्चों के अभिभावकों को मिली तो विद्यालय में जाकर अध्यापक से मिले तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी. इससे परेशान होकर अभिभावकों ने जिलाधिकारी से मिलकर मामले की जानकारी दी है, और एक शिकायती पत्र दिया है.
उम्र घटाकर दोबारा कर लिया एडमिशन
विद्यालय में जालसाजी का मामला प्राथमिक विद्यालय बहादुरपुर मजरे रिठवां हस्वा ब्लाक का है. यहां के मुस्तफापुर मजरे रिठवां के निवासी रामचन्द्र ने जिलाधिकारी को एक शिकायत दी. शिकायत में बताया कि, उनकी लड़की रेनू देवी का एडमिशन बहादुरपुर के प्राथमिक विद्यालय में सात जुलाई 2011 में कराया था. विद्यालय के प्रधानाध्यापक उमाशंकर गुप्ता ने रेनू का नाम बदलकर रानू देवी और जन्म दिनांक 12.02.2007 करके 06.04.2015 को उसका नाम कक्षा दो में लिख दिया.
प्रधानाध्यापक ने इनके नाम फर्जी तरीके से लिखे
इस विद्यालय में करीब नौ बच्चों के नाम सामने आए हैं. यह सभी मामले 2011 से 2019 तक के हैं. इनमें सत्यवान सिंह का नाम बदलकर सतनाम, अरूण कुमार को वरूण, तारावती को शालनी देवी, अंजू देवी को अन्नू देवी, रेनू देवी को रानू देवी, प्रियंका देवी को भारती देवी, शिव कुमार को शिवा सिंह, राजकली को राजवती और अनीता देवी को नीता देवी बनाकर दोबारा एडमिशन कर लिया.
प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक मिलकर करते थे खेल
विद्यालय में बच्चों को कक्षा पांचवीं तक पहुंचने के बाद कक्षा दो में दोबारा एडमिशन करने का खेल अकेले प्रधानाध्यापक ही नहीं करते रहे उनके साथ सहायक अध्यापक के पद पर पढ़ाने वाले शुभेंद्रु कुमार पूरा सहयोग करते रहे हैं. सूत्रों की माने तो शुभेंद्रु कुमार ही टेक्निकल काम की सलाह देते रहे हैं.
पांचवीं तक पहुंचने के बाद तारावती को बना दिया शालनी
बहादुर के रहने वाले मुन्ना सिंह ने अपनी बेटी तारावती का एडमिशन 05.07.2011 में कक्षा एक में कराया था. 01.04.2015 को तारावती कक्षा पांचवीं में पहुंच गई. इसके बाद तारावती का नाम और जन्म दिनांक बदलकर शालनी के नाम से 04.04.2015 को कक्षा दो में एडमिशन कर लिया.
पूछने पर बगली झांकने लगे प्रधानाध्यापक
मामले की जानकारी के लिए प्राथमिक विद्यालय बहादुरपुर के प्रधानाध्यापक उमाशंकर गुप्ता से जब स्कूल जाकर बात की गई तो कुछ भी बोलना नहीं चाहते थे. जब बच्चों के नाम बताए गए तो बगली झांकने लगे.
जांच कराकर की जाएगी कार्रवाई
इस संबंध में जब बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि, ममाले की जानकारी आते ही आगे की जांच की जाएगी.
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ