Fatehpur के थरियांव में बिना अनुमति पेड़ काटने का मामला सामने आया है. वहाँ पर रहने वाले लोगो ने बताया की, सुबह से शाम तक यहाँ पर पढ़ो की कटाई की जाती है बिना किसी के अनुमति के नीम का पेड़ काट दिए गया. इससे पहले भी वहाँ ऐसा ही हुआ है,खबर पुलिस को देने के बाद भी पुलिस वहाँ नहीं आती है.इसके बाद वन विभाग के अधिकारी अनूप सिंह ने इस बात की जाँच करने के लिए अपनी टीम को वहाँ भेजा जिसके बाद पता चला की जानकारी पूरी तरह से सही है. कानून के नियमो को न मानने के अपराध में पेड़ मालिक और ठेकेदार के खिलाफ मुक़दमा दर्ज करने की कार्यवाही की गई है.
बिना अनुमति पेड़ काटने वालो के लिए बनाये गए नियम
भारतीय वन कानून 1927 के अनुसार सेक्शन 68 के अंतर्गत पर्यावरण कोर्ट में मामला दर्ज हो सकता है. पेड़ो की चोरी, पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने और प्रदूषण एक्ट के तहत मामला दर्ज हो सकता है.
पेड़ काटने लिए लेनी होगी अनुमति
पेड़ काटने की अनुमति के लिए 7 कानून है. तहसीलदार वन विभाग की सिफारिश पर पेड़ काटने की इज़ाज़त दी जाती है.
बिना मंजूरी पेड़ काटने पर होगी सजा
अगर बिना मंजूरी के पेड़ काटा गया तो इसके लिए कम से कम 60,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है, इसी के साथ पेड़ काटने और पेड़ कटवाने वाले को भी 6 महीने की सजा हो सकती है.
इन पेड़ो को काटने की नहीं है अनुमति
कैबिनेट ने यू. पी. वृक्ष संरक्षण अधिनियम,1976 के नियम में बदलाव करते हुए न कटे जाने वाले पेड़ो की संख्या बढाकर 29 कर दी है.इसमें आम, नीम, साल, महुआ, बीजासाल, पीपल, बरगद, गूलर, पाकड़, अर्जुन, पलाश, बेल, चिरौंजी, खिरनी कैथा, इमली, जामुन ासना, कुसुम रीठा, भिलावा, तून, सलाई, हल्दू, बक्ली, धौ, खैर, शीशम, और सौगन वृक्ष शामिल है.
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ