New Delhi : सहारा इंडिया परिवार (Sahara India Refund) में कई लोगों के पैसे फंसे हैं. जिससे लोग अपने पैसों की वजह से काफी परेशान है, लेकिन अब इन लोगों को निराश होने की जरूरत नहीं है. सरकार अब सहारा इंडिया के रिफंड को लेकर एक्शन में आ गई है. ऐसे लोग जिनके पैसे सहारा इंडिया में लगे हैं उनके लिए सरकार के वित्त विभाग ने हेल्पलाइन नंबर (Helpline Number) जारी किया है. इस हेल्पलाइन नंबर पर सहारा के अलावा दूसरे नॉन बैंकिंग कंपनियों और कॉर्पोरेटिव सोसाइटी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराया जा सकता है.
सरकार ने जारी किया यह नंबर
झारखंड सरकार के वित्त विभाग ने नॉन बैंकिंग कंपनियों और कॉर्पोरेटिव सोसाइटी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने के लिए एक पुलिस हेल्प लाइन नंबर 112 जारी किया है. इसके तहत जिन लोगों ने सहारा इंडिया परिवार में पैसा जमा किया है और वह अब इसकी शिकायत करना चाहते हैं तो वह इस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके इसका लाभ ले सकते हैं. लोगों से शिकायत मिलने के बाद वित्त विभाग सीआईडी (आर्थिक अपराध शाखा, झारखंड) के साथ मिलकर इस शिकायत की जांच करेगा और फिर इसको सुलझाने में मदद करेगा.
लोगों के फंसे हैं 2500 करोड़ रुपये
सहारा इंडिया में लोगों के करोड़ों रुपये फंसे हैं. 10 मार्च को झारखंड सरकार के विधानसभा के बजट सत्र में विधायक नवीन जायसवाल (Naveen Jaysawal) ने नॉन बैंकिंग कंपनियों में झारखंड के लोगों का करीब 2500 करोड़ फंसे होने की बात बताई थी. उन्होंने बताया था कि, तीन लाख लोग अपने पैसों को लेकर परेशान हैं, इसलिए सरकार को हेल्प लाइन नंबर जारी करना चाहिए. दरअसल, विधायक ने कहा था कि, इस हेल्पलाइन नंबर के जरिए यह पता चलेगा कि किसका कितना पैसा फंसा है.
60 हजार लोग है बेहाल
विधायक नवीन जायसवाल ने कहा था कि, सहारा में काम करने वाले 60 हजार लोग बेहाल हैं. विधायक ने यहां तक कहा था कि, इन लोगों की हालत ऐसी हो गई है कि, किसी की जान तक जा सकती है. इसके बाद वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव (Rameshwar Oraon) ने इस पर माना था कि, सहारा में गांव देहात के लोगों का पैसा फंसा है. और लोग इसमें फंसे पैसे से परेशान हैं.
वित्त मंत्री ने कहा है कि, सहारा लिस्टेड कंपनी है जिसे सेबी कंट्रोल करता है. वित्त विभाग की ओर से सेबी और सहारा प्रमुख को लेटर भेज दिया गया है. सहारा के खिलाफ जो भी शिकायत मिल रही है, उसे सरकार देख रही है. विभाग इसके निदान के लिए हरसंभव प्रयास करेगी.
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ