Fatehpur : बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं में अब आइरेड (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटावेस) एप कमी लाएगा. इस एप के जरिए उन स्थलों की पहचान होगी जहां सर्वाधिक दुर्घटनाएं होती हैं. स्थलों के पहचान के बाद वहां पर दुर्घटना रोकने के उपाय किए जाएंगे और स्वास्थ्य व पुलिस सेवा से उस स्थल को जोड़ा जाएगा
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र एनआईसी (NIC) और आइआइटी (IIT) मद्रास के सहयोग से आइरेड मोबाइल एप्लीकेशन तैयार किया गया है. इस मोबाइल एप के जरिए क्षेत्र में होने वाले सड़क हादसों का डेटाबेस तैयार कर दुर्घटनाओं के कारणों का विश्लेषण करते हुए भविष्य में इन्हें रोकने की रणनीति तैयार की जा रही है. एप मैपिग के जरिए फिलहाल हाईवे में आठ और अन्य मार्गों में पांच स्थलों को दुर्घटना बाहुल्य मानते हुए यहां दुर्घटना रोकने के इंतजाम शुरू किए गए हैं.
जिला रोलआउट मैनेजर शांतिनाथ मौर्य (Shantinath maory) ने बताया कि जिले में 21 थानों में पुलिस को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. पुलिस कर्मियों के मोबाइल में यह एप भी डाउनलोड करा दिया गया है. जिले की पुलिस ने सीओ (CO) सिटी संजय सिंह (Sanjay singh) के नेतृत्व में पुलिस ने आइरेड एप पर नाम, उम्र, लोकेशन, वाहन का विवरण, दुर्घटना का कारण और फोटो अपलोड करने का काम भी शुरू कर दिया गया है
एप में दर्ज हुईं 350 दुर्घटनाएँ
आइरेट एप के लागू होने के बाद जनवरी से सितंबर माह के बीच में कुल 350 दुर्घटनाओं को दर्ज किया है. इसके आधार पर चिन्हित स्थलों पर दुर्घटना रोकने के प्रबंध सड़क सुरक्षा अभियान के तहत किए जा रहे हैं.
ये हैं दुर्घटना प्वांइट व उपाय
अब तक हाईवे में नउवाबाग, लोधीगंज बाईपास, थरियांव में भारतपुर मोड से महिचा मंदिर तक, औंग, मलवां, खागा और कटोघन को मुख्य दुर्घटना प्वाइंट है. इसके अलावा गाजीपुर, शाह, बहुआ, ललौली व बिदकी रोड को भी दुर्घटना बाहुल्य स्थलों में रखा गया है.यहां पर स्पीड ब्रेकर, बिलिकर, साइनेज आदि लगाकर दुर्घटना रोकने के उपाय शुरू हुए हैं. भारत सरकार की ओर से चलाई जा रही इस मुहिम को चार विभागों (पुलिस, चिकित्सा, परिवहन एवं हाईवे) के आपसी सामंजस्य से सड़क हादसों को रोकने में भूमिका तैयार की गई है. जहां दुर्घनाएं होती हैं वहां पर दुर्घटना रोकने के उपाय, स्वास्थ्य सुविधा देने की तैयारी की जा रही है.
लेख – टीम वाच इंडिया नाउ
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